कोरोनावायरस के कारण इस साल पूरी दुनिया परेशान रही, कोरोना के कहर को देखते हुए 25 मार्च 2020 को भारतीयों को जिंदगी बदल गई, लॉकडाउन में तमाम लोगों की नौकरियां चली गईं, वहीं दिहाड़ी मजदूरों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई। लेकिन इस लॉकडाउन में कई ऐसी तस्वीरें देखने को मिलीं, जिससे लोगों के चेहरे पर मुस्कान आई, वहीं कई दर्दनाक तस्वीरों को देख कर लोगों की आंखें नम हो गईं, आइए जानते हैं लॉकडाउन की 5 कहानिंयों के बारे में, जिसके लिए साल 2020 को याद रखा जाएगा।


1. कोरोनावायरस के संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया था.,इस दौरान देश में एक जुटता दिखाने के लिए लोगों ने दीपक जलाए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से खास अपील की थी, उन्होंने 5 अप्रैल 2020, दिन रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट तक देशवासियों को अपने घरों की सारी बत्ती बुझा कर दीपक, लैंप, मोमबत्ती और फ्लैश लाइट जलाने का आह्वान किया था।

2. बिहार के दरभंगा की रहने वाली ज्योति अचानक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छा गई थीं. उन्होंने अपने पिता को साइकल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा में अपने घर तक का सफर तय किया था, सात दिन तक 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाई थी, पिता के पैर में चोट लगी थी, इसलिए ज्योति ने उन्हें साइकिल पर बिठाकर घर पहुंचाया।

3. जिस वक्त लॉकडाउन चल रहा था उस दौरान तमाम मजदूर अपने घरों की ओर लौट रहे थे, 14 मई 2020 को एक मां का वीडियो वायरल हुआ था, वीडियो में उसका बच्चा सूटकेस पर थक कर सो गया था और वह सूटकेस को खींच रही थी, वायरल हुए इस वीडियो से शासन-प्रशासन की चौतरफा फजीहत हुई थी।


4. 25 साल का अमृत गुजरात के सूरत से यूपी के बस्ती जिला स्थित अपने घर एक ट्रक के जरिए लौट रहा था,ट्रक जब मध्य प्रदेश के शिवपुरी-झांसी फोरलेन से गुजर रहा था, तभी अमृत की तबीयत बिगड़ गई, साथियों को लगा कि उसे कोरोना हो गया है, इसलिए डर के मारे लोगों ने उसे वहीं अकेले उतार दिया। इस दौरान उसका दोस्त मोहम्मत याकूब भी उतर गया, अमृत को गोद में लिए सैय्यूब की तस्वीर ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था। मुसीबत में अपने हिंदू दोस्त का साथ न छोड़ने वाले मुस्लिम युवक की कहानी सोशल मीडिया पर खूब शेयर हुई थी, अमृत के शव को सैय्यूब उनके घर लाया और अंतिम संस्कार में मदद की।

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