दो-तीन दिन पहले राजस्थान के कुछ इलाकों में बारिश होने के कारण सर्दी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. लेकिन अब फिर से मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है. बताया रहा है कि 14 नवंबर को राजस्थान में नया विक्षोभ शुरू होने वाला है. जिसके कारण राजस्थान के कुछ जिलों में बारिश भी हो सकती हैं.

कल रात को राजस्थान के कुछ इलाकों में 15 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान दर्ज किया गया. ऐसा कल रात अचानक हुए मौसम में बदलाव के कारण हुआ है. सबसे ठंडे इलाके की बात करें तो सीकर के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और सीकर प्रदेश ही सबसे ज्यादा ठंडा है.


ऐसा रहेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर

मौसम विभाग जयपुर के अनुसार राजस्थान में 14 नवंबर को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है. इस कारण राज्य के उत्तर पश्चिमी इलाकों में बादल छाए रहने के साथ-साथ हल्की हल्की बारिश होने की संभावना भी जताई जा रही है. इस श्रेणी में गंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और चूरु जिले शामिल है. बताया जा रहा है कि राजस्थान के अन्य जिले से शुष्क बने रहेंगे. लेकिन 14 नवंबर को सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दी बढ़ सकती है. इसके अलावा मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि आने वाली 20 नवंबर के बाद कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाएगा.

राज्य में सीकर जिला सबसे ठंडा

जैसे ही राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का असर कम हो रहा है वैसे ही कोहरा भी कम होता हुआ दिख रहा है, लेकिन ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है. आसमान से बादल साफ होने के कारण सीकर में मौसम ज्यादा ठंडा हो गया है. राजस्थान के अन्य जिलों की तुलना में सीकर जिले में न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके बाद सुबह और शाम के वक्त उत्तर पूर्वी दिशा से हवाएं चलने के कारण ठिठुरन भी महसूस की जा रही है. मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले दिनों में सीकर में ठंड का असर और भी ज्यादा हो जाएगा.

गेंहू की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल

राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दी बढ़ी है और बारिश होने से नमी भी बढ़ रही है. ये मौसम रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई के लिए उपयुक्त है. जिस तरह मौसम में नमी बढ़ी है और ओस गिर रही है, इस कारण रणबीर की अगेती फसलें बढ़वार और हाल ही में खेतों में बोई गई फसल अंकुरण की अवस्था में है. आसपास का वातावरण नम हो जाने के कारण गेहूं और जौ की बुवाई भी इस बार ज्यादा होने की संभावना है.

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