कोरोना वायरस महामारी का कहर अमेरिका पर सबसे अधिक देखने को मिला है, यहां 6 लाख से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में हैं और 25 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के फैलाने का आरोप चीन में लगाया और साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी इसका ठीकरा फोड़ा, इसी का नतीजा रहा कि अमेरिका ने अब WHO की फंडिंग में रोक लगा दी।

इसका संकेत वो बीते कई दिनों से दे रहे थे, लेकिन, सवाल ये है कि क्या डोनल्ड ट्रंप ने अचानक ये फ़ैसला क्यों लिया? फ़रवरी महीने में जब उन्होंने बजट पेश किया था, तो उसी बजट में अमेरिका ने ग्लोबल हेल्थ प्रोग्राम के मद में ख़र्च में कटौती का संकेत दिया था, WHO पर जो इल्ज़ाम ट्रंप ने लगाए, उन्हीं इल्ज़ामों के उलट वो खुद पहले बयान दे चुके हैं, क्या ये पीटर नोवारो की रिपोर्ट का दवाब है कि उन्होंने सारा ठीकरा WHO पर फोड़ दिया।

ट्रंप के आर्थिक सलाहकार पीटर नोवारो ने 29 जनवरी और 23 फ़रवरी को सरकार को दो दस्तावेज़ सौंपे थे, जिनमें कोरोना के ख़तरों को रेखांकित किया गया था, बीते दिनों अमेरिकी मीडिया ने उन दस्तावेज़ों को छाप दिया, इसके बाद ट्रंप पर उठने वाले सवालों को नई धार मिल गई। सायद इसलिए ट्रंप ने WHO की फंडिंग क्यों रोकी?

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