क्यों खाना पड़ा था पांडवों को अपने मृत पिता का मांस, वजह जानकर हैरान रह जायेंगे आप
महाभारत अनगिनत कथाओं का भण्डार है, इस ग्रंथ में ऐसी ऐसी अनोखी कथाएं है जिन्हें पढ़कर विश्वास ही नहीं होता कि क्या सच में ऐसा हो सकता है या फिर ये सिर्फ कपोल कल्पना मात्र है। जिस घटना के बारे में आज आपको बताने जा रहे है वो शायद महाभारत की सबसे आश्चर्यचकित कर देने वाली कथा है।
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महाराजा पांडू की मृत्यु के बाद पांच पांडवों ने अपने पिता के मांस का भक्षण किया था, जैसा कि महाभारत के अनुसार हम जानते है कि पांचो पांडवों का जन्म महाराजा पांडू के वीर्य से ना होकर अलग अलग देवताओं के आशीर्वाद की वजह से हुआ था, इस कारण से पांडवों में अपने पिता पांडू के गुण और कौशल नहीं आ सके थे।
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जब पांडू का अंतिम समय आया तो उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु के उपरान्त उनका अंतिम संसकार ना किया जाए अपितु उनके शरीर के मांस को उनके पाँचों पुत्रों द्वारा खाया जाए। जब पांडू की मृत्यु हुई तो उनके शरीर का मांस उनके पाँचों पुत्रों ने मिल बांट कर खाया जिसकी वजह से पांडू की वीरता, युद्ध कौशल, ज्ञान उनके पुत्रों में आ गया। कहा जाता है कि सहदेव ने अपने पिता का मांस सबसे अधिक खाया था इसलिए पाँचों पांडवों में सहदेव सबसे ज्यादा ग्यानी और बुद्धिमान थे।