इंटरनेट डेस्क। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसके लिए सभी पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। हर पार्टी रैली करने में जुट गई और जनता को लुभाने को कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस एमपी और छत्तीसगढ़ में पिछले 15 साल से सत्ता से बाहर है, ऐसे में वह एक-एक सीट के बारे में बहुत सतर्कता के साथ विचार कर रही है।

एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी और जमीनी स्तर पर काम कर रहे कुछ छोटे दलों के साथ महागठबंधन करने की कोशिश कर रही है। लेकिन राजस्थान में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ सकती है।

राजस्थान में कांग्रेस किसी दल के साथ गठबंधन करने को तैयार नहीं है। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य में पार्टी को महज 21 सीटें मिलीं थीं। 200 सदस्यीय विधानसभा राजस्थान में भाजपा को 163 सीटों पर शानदार जीत मिली थी। वहीं बीएसपी को तीन, नेशनल पीपल्स पार्टी को चार और नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को दो सीटें मिलीं थीं।

वहीं राज्य में हाल ही में हुए तीन उपचुनावो में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार दोनों पार्टियों में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।

वहीं राज्य में एससी की जनसंख्या 17 फीसदी है और इस वर्ग के लिए 34 सीटें आरक्षित हैं। हालांकि इन सुरक्षि‍त सीटों में से उसे महज 2 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन कांग्रेस राज्य में दलितों को लुभाने की कोशिश कर रही है।

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