कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत का बनना लगभग तय माना जा रहा है तो सबसे बड़ा सवाल यह कि राजस्थान में उनकी जगह सीएम कौन बनेगा। इसके लिए स्वाभाविक पसंद सचिन पायलट हैं, जो राज्य में डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन गहलोत इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे थे। वह अपने दूसरे करीबी नेताओं का नाम सीएम पद के लिए आगे बढ़ा रहे थे। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व भी सचिन पायलट को राजस्थान की कुर्सी सौंपने के हक में है। खुद पायलट भी गहलोत को मनाने की पूरी कोशिश करने में लगे हैं।

उन्होंने अशोक गहलोत तक संदेश भिजवाया कि अगर वह उनके नाम पर सहमत होते हैं तो उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी बल्कि उनके करीबी लोगों का पूरा खयाल रखा जाएगा। सचिन पायलट ने यह संदेश भी भिजवाया कि अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी पूरी तरजीह दी जाएगी।


दरअसल, अशोक गहलोत अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने में लगे हैं। यह बात और है कि लोकसभा चुनाव में अपनी सीट पर उनकी करारी हार हुई थी। इसके बावजूद सचिन पायलट ने उन्हें संदेश दिया कि अगर वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो वैभव को खुद बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करवा देंगे। अब इस वादे का कितना असर अशोक गहलोत पर हुआ यह तो वक्त बताएगा।

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