इजरायल में 9 अप्रैल को वोटिंग हुई, वहीं भारत में 11 अप्रैल को प्रथम चरण की वोटिंग हो रही है। बता दें कि इजरायल और भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव में एक चीज बिल्कुल समान दिख रही है। बता देें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी खुद को चौकीदार बताते हैं। इन दोनों देशों के चुनावों में आतंकवाद एक ऐसा मसला है, जिस पर वर्तमान सरकारें चुनाव लड़ रही हैं। इसमें काई दो राय नहीं है कि भारत के मित्र देश इजरायल में भी चुनाव भारत के ही अंदाज में हो रहे हैं।

जिस प्रकार भारत में लोकसभा चुनाव पीएम मोदी को केंद्र बनाकर लड़ा जा रहा है, कुछ ऐसी ही छवि इजरायल में भी बेंजामिन नेतन्याहू की है। इसके अलावा जहां पीएम मोदी खुद को चौकीदार कह रहे हैं, वहीं बेंजामिन नेतन्याहू अपने आप को मिस्टर सिक्यॉरिटी कह रहे हैं।हांलाकि पीएम मोदी की तरह ही नेतन्याहू के लिए सत्ता की राह आसान नहीं है, फिर भी इन दोनों नेताओं को दोबारा सत्ता में लौटने का विश्वास है।

इजरायल में दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के नेता बेंजामिन नेतन्याहू लगातार पांचवी बार प्रधानमंत्री बनना चाह रहे हैं। किंतु भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे नेतन्याहू को रिटायर जनरल बेनी गैंट्ज से कड़ी चुनौती मिल रही है। रिटायर जनरल बेनी गैंट्ज सुरक्षा के मसले पर नेतन्याहू को चुनौती दे रहे हैं तथा साफ-सुथरी सियासत का वादा कर रहे हैं।

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