कोरोना वायरस पर डेक्सामेथासोन दवा के ट्रायल के शुरुआती नतीजे का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वागत किया है, ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से डेक्सामेथासोन दवा का करीब 2000 मरीजों पर ट्रायल किया गया था। ट्रायल में पता चला कि ये दवा कई मरीजों की जान बचाने में कामयाब रही है।

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रिसर्चर्स का कहना है कि डेक्सामेथासोन पहली ऐसी दवा है जो कोरोना मरीजों की जान बचाने में कामयाब हो रही है, ब्रिटेन की सरकार ने डेक्सामेथासोन दवा से कोरोना मरीजों के इलाज को मंजूरी दे दी है,लीड रिसर्चर प्रो. मार्टिन लैंड्रे ने कहा कि जहां भी उचित हो, अब बिना किसी देरी के हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को ये दवा दी जानी चाहिए।

डेक्सामेथासोन दवा से खासकर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले लोगों को फायदा हो रहा है,WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस ने कहा- 'यह पहला ऐसा ट्रीटमेंट है जिससे ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने वाले लोगों की मृत्यु दर में कमी आती दिखी है।

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ब्रिटिश ट्रायल के प्रमुख जांचकर्ता प्रो. पीटर हॉर्बी ने कहा- अब तक सिर्फ यही वो दवा है जो मौत की दर घटाने में कामयाब हुई है, यह एक बड़ी सफलता है।लीड रिसर्चर प्रो. मार्टिन लैंड्रे ने स्टडी के हवाले से कहा कि ये दवा वेंटिलेटर पर मौजूद हर 8 मरीजों में से एक की जान बचा रही है।

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