अमेरिका को कोरोना धीरे धीरे अपना गढ़ बनाता जा रहा है। हालात ये हैं कि अमेरिका में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या विश्व भर में सबसे अधिक है। अमेरिका में इस जानलेवा वायरस से अब तक 1,75,067 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 3800 के पार पहुंच चूका है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस वायरस को रोकने के लिए तरह तरह के इंतजाम कर लिए हैं लेकिन कोई उपाय कारगर नजर नहीं आ रहा है। इसे देख कर अब ट्रंप को भी डर की शिकन बढ़ने लगी है।

व्हाइट हाउस ने अनुमान लगाते हुए कहा कि इस वायरस से 1 लाख से 2.40 लाख लोगों की जानें जा सकती है। ट्रंप ने अमेरिकियों से कहा कि आने वाला समय बेहद ही दर्दनाक होने वाला है और इन सब के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। आने वाला एक महीना बेहद ही भयावह होने वाला है।

वहीं अगर महामारी को रोकने के लिए कोई उपाय ना किए जाएं तो स्तिथि इस से भी खराब हो सकती है। इस महामारी को रोकने का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। सही नियम और सोशल डिस्टेंसिंग को लागू कर के इस भयावह आंकड़े को कम किया जा सकता है।

न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं। गौरतलब है कि इस बीमारी को रोकने की कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। हम खुद सावधानी बरत कर ही इस बीमारी से लड़ सकते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी ऐंड इन्फेक्शियस डिसीजेस के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फाउची में कहा कि मौत के इस आंकड़े को कम करने का उपाय बस सोशल डिस्टेंसिंग ही है।


ट्रंप पहले इसकी तुलना सामान्य फ़्लु से कर रहे थे और बार बार आगाह किया जाने के बाद भी ट्रंप ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए क्योकिं वे नहीं चाहते थे कि अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान हो और इसका खामियाजा अब अमेरिका को भुगतना पड़ रहा है।

ट्रंप ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि अगर उन्होंने तमाम कदम ना उठाए होते तो अनुमान के मुताबिक 22 लाख मौतें हो सकती थीं।

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