पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज की तारीख में देश के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। लेकिन हाल ही में उन्होंने कांग्रेस से मुँह मोड़ लिया है और 17 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक जो कि NRC के खिलाफ है, में जाने से भी इनकार कर दिया है।

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आज भले ही ममता बनर्जी कांग्रेस का विरोध करती नजर आती हैं, लेकिन उनके करीबी लोगों के अनुसार, राजीव गांधी ही ममता बनर्जी के राजनीतिक गुरू हैं। राजीव गांधी ने ही ममता बनर्जी को 1984 में जाधवपुर से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था।

जिसके चलते वह चुनाव जीतकर 29 साल की उम्र में पहली बार पार्लियामेंट में पहुंची थी। ममता बनर्जी के घर में आज भी राजीव गांधी की तस्वीर लगी हुई है। ममता बनर्जी ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रणब दा में मुझे राजीव गांधी नजर आते हैं।

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आपको बता दें कि साल 1991 में ममता बनर्जी पर एक रैली के दौरान माकपा कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। अपनी किताब में उन दिनों को याद करते हुए ममता बनर्जी ने लिखा है कि मेरे इलाज का भुगतान हमारे दिलों में बसने वाले राजीव गांधी ने किया था।

उन्होंने कुछ लोगों को मेरे पास यह पूछने के लिए भेजा था कि चाहे तो वह आगे का इलाज अमेरिका जाकर करवा सकती हैं। हांलाकि समय बदला और ममता बनर्जी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की।

इस किताब में लिखा है कि जब प्रणव मुखर्जी को 1986 में कांग्रेस से निकाल दिया गया तब उन्होंने राष्‍ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी बनाई थी। इस दौरान ममता बनर्जी ने प्रणब दा को पार्टी में वापस लेने के लिए राजीव गांधी से कई बार अनुरोध किया था।

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