ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं लेकिन ये निर्णय लेने से पहले राहुल से संपर्क करने की कोशिश भी की थी। सिंधिया ने राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड निवास पर 3 टेलीफोन कॉल किए। लेकिन राहुल से बात नहीं हो सकी। उनके पास राहुल का नया नंबर भी नहीं था, जबकि वे राहुल के करीबी माने जाते हैं। राहुल गांधी ने कुछ समय पहले अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था और कई नेताओं के पास यह नंबर नहीं था।

सिंधिया ने फिर राहुल के निवास पर कॉल किया। जब राहुल गांधी से पूछा गया कि वह आखिरी बार सिंधिया से कब मिले थे और क्या उन्होंने मध्य प्रदेश संकट को हल करने की कोशिश की थी, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। सिंधिया का फोन आने पर, राहुल गांधी के निजी सचिव ने उन्हें वापस कॉल करने का बोलकर फोन कर दिया लेकिन कई घंटों बाद भी कोई कॉल नहीं आया। हताश सिंधिया ने कुछ घंटे बाद राहुल के आवास पर दोबारा फोन किया लेकिन इस बार भी उन्हें यही जवाब मिला। सिंधिया ने शाम को तीसरी बार कोशिश की लेकिन इस बार जवाब मिला।

ऐसा माना जाता है कि राहुल गांधी न तो खुद फोन लाइन पर आए और न ही कोई नियुक्ति दी। इसके बजाय सिंधिया को विनम्रता से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क करने के लिए कहा गया। जब सिंधिया ने पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष के साथ उनकी अपॉइंटमेंट करवा दी गई है, तो निजी सचिव ने कहा कि उन्हें सीधे सोनिया गांधी के ऑफिस में जाकर अपॉइंटमेंट के लिए रिक्वेस्ट करनी होगी। इससे सिंधिया को बहुत शर्म आई। इसके अलावा, सिंधिया पहले ही विधायकों सहित अपने समर्थकों के दबाव में थे कि वे कांग्रेस छोड़ दें और भाजपा में शामिल हों।

सिंधिया पिछले कई महीनों से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे क्योकिं उनकी आलाकमान उनकी पूरी तरह से अनदेखी कर रहा था। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा उनका और उनके समर्थकों का बार-बार अपमान किया जा रहा था। इस संबंध में, राहुल गांधी ने कहा कि वह अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी के मामलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे जब तक कि उनसे इसके लिए कहा नहीं जाता। इसके बाद सिंधिया सब चीजों से परेशान हो कर कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए।

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