पुलिस ने डीएसपी देविंदर सिंह और उसके साथ हिज्बुल के दो आतंकियों नवीद बाबू और आसिफ अहमद को धर दबोचा है जिसका कनेक्शन आतंकवादियों के साथ है और DSP कई मामलों में आतंकवादियों की मदद भी कर चूका है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की आगे जांच करेगी। बुधवार को आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम जांच के लिए कश्मीर भेजी गई है।

DSP देविंदर सिंह इतने रुपए लेकर आतंकियों को सुरक्षित पहुंचाता था दिल्ली, करता था मोटी कमाई

श्रीनगर में सुरक्षा एजेंसियों ने डीएसपी देवेंद्र सिंह के रिश्तेदारों के घर छापा मारा है। श्रीनगर के इंदिरा नगर में स्थित शिव मंदिर की तलाशी भी ली गई है। इस छापे में पुलिस को 15वीं कोर का पूरा नक्शा, साढ़े सात लाख रुपये और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं इतना ही नहीं उसके रिश्तेदारों के घर में भी उसने पैसे छिपा रखे थे।

छापेमारी के दौरान पूरे इलाके का जायजा लेने के लिए ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया गया. संवेदनशील स्थानों पर तैनात थे डीएसपी : देश के DSP पद पर कार्यरत व्यक्ति का संबंध आतंकवादियों से होने की बात का पता चलने से कई चीजों पर खतरा बढ़ गया है। टीम हर चीज की बारीकी से जांच कर रही है और सुरक्षा एजेंसियों ने डीएसपी के बैंक खाते और अन्य संपत्तियों की जांच भी की।

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देविंद्र सिंह ने कई बातों का खुलासा किया है और उसका संबंध पुलवामा हमले से जुड़ा होने की आशंका भी जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में यह पता चला कि पिछले साल भी डीएसपी ने आतंकी नवीद को जम्मू से शोपिया तक सुरक्षित पहुंचाया था।

इस बार नवीद को चंडीगढ़ ले जा रहा था। कुछ महीनों वहां उसे ठहराने के लिए देविन्दर ने 12 लाख रुपए लिए थे। दो आतंकवादियों को देविंद्र के साथ गिरफ्तार किया गया उन्हें अलग अलग कमरों में रखा गया है।

डीएसपी का कहना है कि वह किसी आतंकी हमले की साजिश में शामिल नहीं था, उसने सिर्फ एक दो बार आतंकियों की मदद उन्हें जम्मू कश्मीर से बाहर निकालने के लिए की है।

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