वह दौर बीत चुका जब भारत की महिलाएं घूंघट में रहा करती थी। अब भारतीय महिलाएं बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेलों में गोल्ड मैडल जीतकर देश का नाम रोशन करने लगी हैं। लेकिन विज्ञान के कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां महिलाओं के बारे में कल्पना करना थोड़ा मुश्किल लगता है।

इन्हीं क्षेत्रों में से एक है मिसाइल निर्माण। विज्ञान के इस क्षेत्र में आज भी पुरुष वैज्ञानिकों का वर्चस्व है। भारत के मिसाइल मैन अब्दुल कलाम को तो पूरी दुनिया जानती है, लेकिन क्या आप हमारे देश की उस महिला के बारे में जानते हैं, जो मिसाइल वुमन के नाम से विख्यात हैं। जी हां, इस महिला का नाम है टेसी थॉमस।

वैज्ञानिक टेसी थॉमस को केवल मिसाइल वुमन ही नहीं बल्कि भारत की अग्नि पुत्री भी कहा जाता है। बता दें कि ताकतवर अग्नि मिसाइल के निर्माण में टेसी थॉमस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अग्नि मिसाइल के कई संस्करणों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट की जिम्मेदारी निभाने वाली टेसी थॉमस की कहानी हर भारतीय नागरिक को प्रेरित करती है।

टेसी थॉमस ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह वैज्ञानिक नहीं बल्कि आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने सिविल एग्जाम की तैयारी भी की थी। लेकिन उनके मन में मिसाइल और रॉकेट के प्रति जूनून था, इसलिए वह भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़ गईं।

टेसी थॉमस भारतीय मिसाइल प्रोजेक्ट पर काम करने वाली पहली महिला है। टेसी ने अग्नि-5 की सफलता से अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए न केवल अपने सपने को साकार किया, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया। साल 2006 में टेसी को अग्नि-3 मिसाइल प्रॉजेक्ट को लीड करने की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन यह मिशन फेल हो गया। उस वक्त उनके मिशन की खूब आलोचना हुई थी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अग्नि-5 मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।

आज की तारीख में भारत विश्व का ऐसा पांचवां देश है जिसके पास 5,000 किमी की रेंज तक मारने करने वाली मिसाइल अग्नि-5 मौजूद है। इसका सारा श्रेय डॉ. टेसी थॉमस को ही जाता है।

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