राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे अपनी सत्ता में जनता के भलाई के लिए बहुत से ऐसे काम की है जिसके वजह से जतना उनका सपोर्ट करती है। वसुंधरा की बात करे तो बहुत ही क\म समय में उन्होंने राजनीती में अहम् जगह बनाई है। वैसे आपको बता दें कि वसुंधरा राजे ना सिर्फ एक पॉलीटिशियन हैं बल्कि वो धौलपुर की महारानी भी हैं। उनकी जिंदगी बड़ी ही रोचक रही है। आइए जानते हैं वसुंधरा राजे के जीवन की दिलचस्‍प कहानी के बारे में।


वसुंधरा ग्‍वालियर के राजघराने से संबंध रखती हैं। उनका जन्‍म 8 मार्च, 1956 को मुंबई में हुआ था। 1972 में उनकी शादी धौलपुर के राजघराने में हेमंत सिंह से कर दी गई लेकिन शादी के एक साल बाद ही दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया। अपने बेटे दुष्‍यंत के जनम के बाद ही वसुंधरा अपने पति से अलग हो गई थीं।

1984 में वसुंधरा राजे ने राजनीति में कदम रखा। सबसे पहले उन्‍होंने भिंड से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्‍हें अपने पहले चुनाव में हार मिली।1985 में उन्‍होंने धौलपुर से चुनाव लड़ा बल्कि जीता भी। 1987 तक वसुंधरा ने राजस्‍थान बीजेपी के उपाध्‍यक्ष की कुर्सी पर अपना कब्‍जा कर लिया। उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि अटल बिहारी वाजपेयी ने डनहें 1998-1999 के बीच अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया।

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