इन दो दिग्गजों के दिल्ली में फंस जाने से वसुंधरा ने संभाल ली राजस्थान की सियासत
इंटरनेट डेस्क| साल 2003 में राजस्थान की जनता ने पहली बार किसी महिला को बतौर सीएम चुना। उस समय बीजेपी ने कुल 121 सीटें जीतकर विधानसभा गलियारे में प्रवेश किया। जनता के प्रचंड बहुमत से जीती बीजेपी ने वसुंधरा राजे को पहली बार राजस्थान का सीएम बनाया।
इसके बाद लोगों को लगा कि साल 2008 में भी राजे की अगुवाई में बीजेपी एक बार फिर जीत हासिल करेगी लेकिन बीजेपी मात्र 78 सीटों पर ही सिमट गई और कांग्रेस ने 98 सीट जीतकर अपनी सरकार बनाई। दरअसल भाजपा की अंदरूनी कलह बीजेपी की हार का कारण बना था।
पांच साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद साल 2013 में वसुंधरा राजे ने 200 में से 161 सीटों पर विजयश्री हासिल की। जबकि कांग्रेस पार्टी मात्र 19 सीटें ही जीत सकी।
कहते हैं जब साल 2003 में राजस्थान विधानसभा चुनाव हुए उस वक्त राजस्थान के दो दिग्गज नेता दिल्ली में रूतबा जमा चुके थे। जहां भैरोसिंह शेखावत भारत के उप राष्ट्रपति पद पर आसीन थे, वहीं यशवंत सिंह ने वाजपेयी सरकार में बतौर वित्त मंत्री काम संभाल रहे थे। परिणामस्वरूप वसुंधरा राजे ने प्रदेशाध्यक्ष के रूप में जबरदस्त जीत हासिल करते हुए सीएम बनीं। इसके बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भैरोंसिंह शेखावत
करीब दस बार विधायक और राज्यसभा सदस्य रह चुके भैरोंसिंह शेखावत साल 1977 से लेकर 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। यहां तक तीन बार नेता प्रतिपक्ष और 12 अगस्त 2002 को भारत के उपराष्ट्रपति भी चुने गए। राजस्थान में बाबू सा के नाम से प्रख्यात राजनेता भैरोसिंह शेखावत का 15 मई, 2010 को स्वर्गवास हो गया।
जसवंत सिंह
राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गांव निवासी जसवंत सिंह वाजपेयी सरकार में एक बार वित्त मंत्री तो एक बार विदेश मंत्री भी बने। यशवंत सिन्हा की जगह जसवंत सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया था। 2001 में जसवंत सिंह को सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिल चुका है।
बता दें कि साल 2014 में बीजेपी ने जसवंत सिंह को संसदीय क्षेत्र बाड़मेर से टिकट नहीं दिया था, जिसके चलते उन्होंने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने का फैसला किया। जिसके चलते बीजेपी ने जसवंत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर निकाल दिया।
भारतीय राजनीति के इन दो माहिर खिलाड़ियों के बीच बीजेपी राजस्थान सियासत की बागडोर संभालना वसुंधरा राजे जैसी कोई कद्दावर महिला कर सकती है। कहा जाता है कि वसुंधरा राजे केवल सीएम नहीं बल्कि बीजेपी राजस्थान हैं।