भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का घेरा तोड़ने में कामयाब रहीं वसुंधरा राजे !
राजनीति से जुड़ी रोचक खबरों के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें, यह खबर आपको कैसी लगी कमेंट करके हमें बताएं।
यह बात तब की है, जब राजस्थान के नए बीजेपी अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी, जिसके लिए अमित शाह ने वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाया था। लिहाजा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम पर वसुंधरा राजे ने वीटो लगा दिया। अनुभवी राजनेता वसुंधरा राजे ने जवाब नहीं में दिया।
दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद इस राज्य का राजपूत तबका बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आया था। इस आंदोलन को सरकार ने सख्ती के साथ कुचला। नतीजतन राजपूतों में उनको लेकर नाराजगी काफी बढ़ गई। यह भी अफवाह चलने लगी थी कि केंद्रीय नेतृत्व सूबे में नया राजपूत चेहरा मैदान में उतार सकता है। इसलिए गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम को लेकर वसुंधरा राजे असहज महसूस कर रही थीं, इसलिए उन्होंने बड़ी सहजता के साथ गजेंद्र सिंह शेखावत को नकार दिया। हांलाकि राजस्थान उप चुनावों में इसका खामियाजा वसुंधरा राजे को भुगतना भी पड़ा। उन्हें उप चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।
बावजूद इसके वसुंधरा राजे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए मदन लाल सैनी के नाम पर पार्टी हाईकमान से सहमति लेने में कामयाब रहीं। अभी पिछले महीने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से वसुंधरा राजे सिंधिया के नाम पर ही चुनाव लड़ने का फैसला लेकर सबको चौंका दिया।
बता दें कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान विधानसभा चुनाव से ज्यादा मिशन-2019 को लेकर चिंतित है। ऐसे में पार्टी हाईकमान मिशन-2019 से पहले वसुंधरा राजे को नाराज करके किसी भी प्रकार जोखिम नहीं लेना चाहता है। वसुंधरा राजे की अगुवाई में लोकसभा चुनाव-2014 में बीजेपी को शानदार जीत मिली थी। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बखूबी जानता है कि बुरे हालात के बावजूद बीजेपी इस राज्य में कम से अपनी आधी सीटें आसानी से बचा सकती है। संभव है वसुंधरा राजे के नाराज होते ही बीजेपी इस राज्य में अपनी अधिकांश लोकसभा सीटें गवां सकती है।
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे धौलपुर राजघराने की बहू हैं, जो कि जाट समुदाय के हैं। इस राज्य में जाट समुदाय एक मजबूत कौम है। इसी के चलते भाजपा ने ओबीसी वोटों को भी साधने की कोशिश की है। ओबीसी मतों के ध्रुवीकरण के लिए ही बीजेपी ने मदन लाल सैनी को राज्य का अध्यक्ष बनाया है।