वरुण गांधी पर भाजपा हाईकमान का कसता शिकंजा, आलाकमान ने दी यह सख्त हिदायत
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दोस्तों, आपको बता दें कि इन दिनों भाजपा हाईकमान ने पार्टी सांसद वरुण गांधी पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दरअसल पार्टी आलाकमान ने उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधियां निर्वाचन क्षेत्र सुल्तानपुर तक ही सीमित रखने की सख्त हिदायत दी थी। बावजूद इसके वरुण गांधी इलाहाबाद दौरे पर चले गए, जिससे बीजेपी हाईकमान नाराज है।
भाजपा ने वरुण गांधी के लिए सख्त आदेश जारी किया है कि वह अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर निकलने से पहले पार्टी से इजाजत लें। पार्टी ने कहा कि उन्हें एक मई को इलाहाबाद दौरे के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी।
बता दें कि इस सप्ताह के अंत में इलाहाबाद में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में यूपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी। दरअसल भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं किया है। पिछले महीने वरुण गांधी के इलाहाबाद जाने से पार्टी के बड़े नेताओं को यह अंदेशा हुआ कि वह खुद को बतौर सीएम उम्मीदवार प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी के कुछ नेताओं ने एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें स्मृति ईरानी को बीमार तथा वरुण गांधी को एक लोकप्रिय नेता के रूप में पेश किया गया था। इस पोस्टर के बाद से पार्टी नेताओं में घमासान मचा हुआ है।
सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने वाले वरुण गांधी भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। कांग्रेस आलाकमान से उनके पारिवारिक रिश्ते और संघ रणनीतिकारों के साथ वरुण गांधी के अच्छे रिश्ते नहीं होने से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उन्हें हाशिए पर देखना चाहता है।
प्रदेश बीजेपी के एक नेता के मुताबिक, वरुण गांधी को वंशवाद की राजनीति के तौर पर देखा जाता है, जबकि संघ की विचारधारा ठीक इसके विपरीत है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी अलाकमान ने जब वरुण गांधी से इलाहाबाद दौरे का जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि वह किसानों से मिलना जारी रखेंगे। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें सुल्तानपुर से बाहर राजनीतिक गतिविधियां जारी रखने के लिए पार्टी से इजाजत लेने का आदेश सुना दिया।
गौरतलब है कि जब राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे, तब उनके साथ वरुण गांधी के संबंध काफी अच्छे थे। यहां तक कि लाल कृष्ण आडवाणी के साथ भी उनकी करीबी थी। फिलहाल पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ वरुण गांधी के समीकरण पूरी तरह से बदल चुके हैं।