इंटरनेट डेस्क। इंदिरा गांधी की शादी होने के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फिरोज गांधी को कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का प्रबंध निदेशक बना दिया। बता दें कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अंतर्गत कौमीआवाज, नवजीवन और नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित होते हैं।

इसके अलावा फिरोज गांधी लोकसभा चुनाव 1951-52 में प्रतापगढ़ से सांसद चुने गए। फिरोज गांधी अपने निधन तक सांसद बने रहे। फिरोज गांधी ने 1956 का अगला चुनाव रायबरेली से लड़ा था।

पंडित नेहरू के निजी सचिव रहे मथाई की किताब रेमिनिसन्स ऑफ नेहरू एज के अनुसार, फिरोज गांधी नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित की बेटी के प्यार में पड़ गए थे। उनकी वह बेटी उन दिनों नेशनल हेराल्ड लखनऊ में पत्रकार थी। जब विजय लक्ष्मी पंडित ने यह बात सुनी तो वह मास्को से निजी खर्चे पर विमान से आईं और अपनी बेटी को लेकर मास्को चली गईं।

फिरोज की बेवफाई से दुखी होकर इंदिरा अपने बच्चों को लेकर पिता नेहरू के पास चली आईं थी। हांलाकि कई समझौते के बाद फिरोज गांधी कुछ समय तक प्रधानमंत्री हाउस में रहे, इसके बाद वह इंदिरा से हमेशा के लिए अलग हो गए। इंदिरा और फिरोज दोनों अपनी-अपनी जिंदगी जीने लगे थे।

कैथरीन फ्रेंक ने अपनी किताब इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी में लिखा है कि फिरोज गांधी संसद में मौजूद सांसदों के बीच अक्सर मथाई को नेहरू का दामाद होने का आरोप मढ़ते रहते थे। सासंद फिरोज गांधी कांग्रेस के खिलाफ हमेशा बगावती भाषा का इस्तेमाल करते रहते थे।

मथाई ने अपनी किताब में लिखा है कि स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर ने उनसे एक बार कहा था कहा था 1948 में फिरोज गांधी सेंट्रल हाल में मौजूद सांसदों के बीच कहा था कि वे नहीं बल्कि मथाई पंडित नेहरू के दामाद हैं।

Related News