दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि शक्तिशाली देश अमेरिका ने पाकिस्तान की नई सरकार को दी जाने वाली सैन्य वित्तीय सहायता रोक दी है। इस आर्थिक मदद को अवरूद्ध करने की एक मात्र वजह यह है कि अमेरिकी चिंताओं पर पाकिस्तान की ओर से बिल्कुल ध्यान नहीं देना था।

बता दें कि अमेरिका के विदेश विभाग ने साल 2017 के लिए आतंकवाद पर जो वार्षिक रिपोर्ट पेश की है, उसके अनुसार पाकिस्तान में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठन भारतीय उपमहाद्वीप की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। 2017 में इस बारे में पाकिस्तान को आगाह किए जाने के बावजूद भी इस देश ने कोई पर्याप्त कदम नहीं उठाए। हांलाकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकी संगठन अलकायदा की मौजूदगी में थोड़ी कमी आई है।

अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद अभी भी भारतीय उपमहाद्वीप की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि साल 2017 में अगस्त से दिसंबर के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को किसी प्रकार कोई सैन्य वित्तीय मदद नहीं उपलब्ध कराई है। अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क के अलावा अन्य आतंकी संगठनों पर भी लगाम लगाने की बात कही थी, लेकिन पाकिस्तान ने कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अमेरिका ने विदेशी सैन्य वित्तीय सहायता रोक दी।

अमेरिका के विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार और उसके सुरक्षाबलों ने केवल तहरीक-ए-तालिबान पर कार्रवाई की है, जबकि जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की है। इसी के चलते पाकिस्तान में रहकर ये दोनों आतंकी संगठन अब भी अपना काम कर रहे हैं।

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