पश्चिम बंगाल के राज्यपाल अक्सर राज्य की कानून-व्यवस्था सहित हर चीज के लिए सरकार को निशाना बनाते हैं, जिस पर सीएम ममता बनर्जी भी पलटवार करती हैं। राज्यपाल और बंगाल सरकार के बीच मतभेद का मामला अब राष्ट्रपति तक पहुंच गया है। वहीं, टीएमसी नेताओं ने राष्ट्रपति से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को तत्काल हटाने की मांग की है। साथ ही उन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद सुखेंदु शेखर रे ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ संविधान का बचाव करने में विफल रहे थे। वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी अक्सर उल्लंघन करता है। इसलिए, उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए और एक नए राज्यपाल की नियुक्ति की जानी चाहिए। ज्ञापन पर टीएमसी सांसद सुखेन्दु, सुदीप बंदोपाध्याय, सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, सांसद कल्याण बनर्जी और सांसद काकोली घोष दस्तिस्टार ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

वास्तव में, बंगाल पुलिस ने हाल के दिनों में कई भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं पर शिकंजा कसा था। जिस पर राज्यपाल ने कहा कि ममता बनर्जी और पुलिस प्रमुख ने राज्य में लोकतंत्र की हत्या की है। पुलिस अधिनियम और संवैधानिक प्रावधानों का घोर उल्लंघन पुलिस और प्रशासन के राजनीतिक झुकाव को साबित करता है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "आम तौर पर मैं आपको (राज्यपाल) अनदेखा करता हूं लेकिन आपने अपनी रेखा पार कर ली है।

बस! आप और कुछ नहीं, उनके गुरु की वाणी हैं। आपने जिस कार्यालय में उपस्थित हैं, उसका अपमान किया है। बिना समर्थन के आलोचना करना और अपने स्वयं के राजनीतिक आकाओं की सेवा के लिए बंगाल का अपमान करना। आप बंगाल के आतिथ्य का आनंद लेकर ऐसा कर रहे हैं, आपको शर्म आनी चाहिए।

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