टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को भारत में बैन कर दिया गया है जिस से कंपनी को बेहद नुकसान हुआ है क्योकिं भारत में टिकटॉक का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है।

वहीं इसके बाद अब टिकटॉक ने चीन से दूरियां बनाना शुरू कर दिया है और भारत में वापसी के लिए टिकटॉक एक दूसरा रास्ता अपना सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि 59 चीनी एप पर भारत के प्रतिबंध के बाद, शार्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक अपने चीनी बंधों में कटौती कर सकती है और एक स्वतंत्र अमेरिकी ऐप कंपनी बन सकती है।

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि टिकटॉक उस होल्डिंग कंपनी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है, जो चीन-संचालित है ।"

वहीं एक ओर अमेरिका में इस ऐप पर बैन लगाने की बात चल रही है, जिसमें राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ के सुझाव भी शामिल हैं, देश ने अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया है।


लैरी कुडलो ने कहा कि इसकी सर्विसअमेरिका में स्थित होंगी और "यह एक सौ प्रतिशत अमेरिकी कंपनी बन जाएगी"। अगर यह बिना चीनी लिंक के अमेरिकी कंपनी बन जाती है, तो भारत को देश में बेतहाशा पॉपुलर शॉट वीडियो ऐप पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

29 जून को, भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए देश में 58 अन्य चीनी मोबाइल ऐप के साथ टिक्कॉक पर प्रतिबंध लगा दिया। एक दिन बाद, भारत में Google Play Store और Apple App Store से एप्लिकेशन हटा दिए गए।

यह प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक संघर्ष के बाद आया था।

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