सचिन पायलट की खामोशी के पीछे छिपा है ये रणनीति, इसलिए डर रही कांग्रेस
सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस में कोशिशें जारी हैं। सीनियर लीडर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर कोई संकट न आए। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि भले ही पायलट के पास पर्याप्त संख्या-बल न हो, मगर वह बीजपेी की मदद से गहलोत के खिलाफ खेमाबंदी कर सकते हैं।
हालांकि पायलट ने साफ किया है कि वह विकल्पों को खारिज नहीं कर रहे। मगर कांग्रेस में कुछ को लग रहा है कि शायद पायलट की कुछ ज्यादा ही मनुहार की गई। पायलट इन सबसे परेशान नहीं। उनके सूत्र एक आरटीआई याचिका की तरफ इशारा करते हैं जिसमें दिखाया गया कि सीएम से जुड़ी पब्लिसिटी और विज्ञापनों पर 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि डेप्युटी सीएम के लिए एक पैसा तक नहीं दिया गया।
सोमवार को विधायक दल की बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत ने 'विजय' का दावा किया। इसे डेप्युटी सीएम पायलट ने खारिज कर दिया और कहा कि उनके पास बहुमत नहीं हैं। पायलट ने विधायक दल की बैठक के नतीजे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह अपनी बात पर अड़े हुए हैं और बागी तेवर अपनाने के बाद समझौते को तैयार नहीं।