राहुल गांधी की यह तस्वीर है सुर्खियों में, सच्चाई जानकर फिर कभी नहीं उड़ाएंगे मजाक
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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अविवाहित होने पर विरोधी दल उन्हें जिस तरह से ट्रोल करते हैं, बावजूद इसके वह कुछ भी जवाब नहीं देते हैं, ऐसा करना काबिले तारीफ है।
बता दें कि 6 अक्टूबर 2018 को मध्य प्रदेश के मुरैना में आयोजित जन आंदोलन रैली की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी की एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। दरअसल इस तस्वीर में राहुल एक महिला का हाथ पकड़े हुए हैं। इस तस्वीर को लेकर राहुल गांधी की जबरदस्त ट्रोलिंग की जा रही है।
ट्रोलर लिख रहे हैं कि राहुल गांधी इस महिला पर डोरे डाल रहे हैं। वहीं एक ट्रोलर ने लिखा है कि नर्मदा भक्त राहुल मंच पर मौजूद उस महिला से आंखें लड़ा रहे हैं।
जानिए क्या है इस तस्वीर की सच्चाई
दोस्तों, मंच पर राहुल गांधी के साथ मौजूद उस महिला की हकीकत जानेंगे तो आपकी बोलती बंद हो जाएगी, आप फिर दोबारा कभी राहुल गांधी को ट्रोल नहीं करेंगे। बता दें कि मुरैना की जन आंदोलन रैली में एकता परिषद के लोग भी पहुंचे थे। एकता परिषद लंबे अरसे से भूमि सुधार के मुद्दे पर आदिवासियों की मांगें जन आंदोलन के ज़रिए उठाता रहा है।
यहां भूमि सुधार से मतलब है कि वंचित तबके के लोगों को गुज़र-बसर लायक ज़मीन के टुकड़े बांटना है। साल 2012 में एकता परिषद ने आदिवासियों से जुड़ी 10 मांगों के साथ ग्वालियर से दिल्ली तक जन सत्याग्रह यात्रा भी निकाली थी। तब यूपीए सरकार ने इनकी चार मांगें मान लीं।
अक्टूबर 2018 में भी एकता परिषद ने ग्वालियर से यात्रा निकाली थी, इसके बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आदिवासियों को उनकी मांगे स्वीकृत करने का आश्वासन दिया था। 6 अक्टूबर, 2018 को राहुल गांधी ने वादा किया कि सत्ता में आने पर वह जन सत्याग्रह की सभी मांगें मान लेंगे। राहुल के जनांदोलन के दिन एकता परिषद ने अपनी सत्याग्रह यात्रा स्थगित कर दी।
मुरैना में आयोजित जन आंदोलन रैली के दौरान एकता परिषद की दो महिला कार्यकर्ताओं को मंच पर आने का न्योता दिया गया था। यह तस्वीर उस वक्त की है जब मंच पर खड़े सभी लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर तस्वीर खिंचवाने वाले थे। इसीलिए राहुल ने उस महिला कार्यकर्ता का हाथ पकड़ा था। मंच पर खड़ी महिलाएं एकता परिषद की कार्यकर्ता सागोबाई और श्रद्धा बहन है। इन दोनों ने एकता परिषद में औरतों को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभाई है।