ये है आजादी के बाद के वो 5 नेता जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी
15 अगस्त को भारत 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। 1947 में इसी दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी और इस दिन को भारत स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। देश को आजाद कराने में कई देशभक्तो ने बलिदान दिया, जिन्हे हम आज भी याद करते है। लेकिन आज हम आपको आजादी के बाद वो 5 नेता बताने जा रहे है जिन्होंने अपनी छोड़ी है।
लाल बहादुर शास्त्री :
देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद देश की बागडोर लाल बहादुर शास्त्री के हाथों में आईं। अपनी सादगी, ईमानदार छवि और कांग्रेस के वरिष्ठ और भरोसेमंद इस नेता ने 9 जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक तकरीबन 18 महीने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। उनके शासनकाल में 1965 में भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ, लेकिन उनके नेतृत्व और कुशल राजनीतिक क्षमता के चलते भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। उन्होंने देश में किसानों को विकास का प्रतीक माना और जय जवान, जय किसान जैसा लोकप्रिय और ऐतिहासिक नारा दिया। वे भारत के इतिहास के बेहद सादगीपूर्ण और र्इमानदार छवि वाले नेता माने जाते हैं।
इंदिरा गांधी:
पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं। अपने कुशल नेतृत्व, शानदार सांगठनिक क्षमता और एक मंझी हुए राजनेता के तौर पर इंदिरा गांधी देश में स्त्री सशक्तिकरण का प्रतीक बन गईं, जो आज भी 21वीं सदी के भारत में हराभरा है। इंदिरा गांधी एक तेजतर्रार राजनीतिज्ञ रहीं। आजाद भारत के इतिहास में इतनी तेज महिला राजनेता पहले कभी नहीं हुई। 1976 में आपातकाल घोषित करने वाली वह पहली और आखिरी नेता थीं और उनके इस कदम का बहुत विरोध हुआ।
सरदार बल्लभ भाई पटेल :
सरदार बल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष भी कहा जाता है। उन्होंने रियासतों, रजवाडों और कई-कई टुकडों में बंटे भारत को एक करने का सबसे अहम काम किया। कुल मिलाकर कहा जाए तो वे ही वर्तमान अखंड और एक भारत के पुरोधा हैं। भारत जिस रूप में हमें दिखाई देता है यह उनकी ही देन है। मजबूत और दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति वाले सरदार पटेल भारत के पहले गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री रहे। स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनकी अग्रणी भूमिका रही।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर :
14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में जन्मे बाबा साहेब अंबेडकर आजाद भारत के संविधाना निर्माता रहे। भारत के सर्वौच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित बाबा साहेब ने भारत में हिंदू धर्म की चतुवर्णीय प्रणाली और जातिप्रथा के खिलाफ लगातार काम किया। वे आजाद भारत में दलित आंदोलन के पुरोधा माने जाते हैं। विधि विशेषज्ञ और बहुजन राजनीतिक नेता के रूप में बाबा साहेब का योगदान अमूल्य है। वे भारत के आधुनिक युग के मनु भी कहे जाते हैं। उन्होंने भारतीय सामाजिक संरचना और जातिव्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया।
जयप्रकाश नारायण :
जयप्रकाश नारायण को देश लोकनायक के रूप में भी जानता है। वे स्वतंत्रता सेनानी और आजाद भारत में विपक्ष का नेतृत्व करने वाले तेजतर्रार जननेता थे। वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ थे। 1975 में आपातकाल के दौरान कई नेताओं सहित उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। उन्होंने पटना के गांधी मैदान से इंदिरा सरकार के खिलाफ देश में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया और पूरे देश को इंदिररा सरकार के खिलाफ एकजुट कर लिया। वे आजाद भारत में क्रांतिकारी और आंदोलनधर्मी राजनीति को दिशा देने वाले आखिरी नेताओं में से एक थे।