साहित्कारों की बात करे तो बहुत से ऐसे लेखक और लेखिका है, जिन्होंने साहित्य में अपना नाम कमाया है ,लेकिन आज हम आपको अंग्रेजी साहित्य की महिला लेखिका 'वर्जिनिया वुल्फ' के बारे में बात करेंगे। वर्जिनिया वुल्फ की जिंदगी काफी तनाव, दर्द और हादसों में बीती लेकिन उनकी कलम कभी नहीं रुकी। हालांकि आखिर में लेखिका ने खुद के साथ वो किया जो काफी दर्दनाक है।


25 जनवरी 1882 में लंदन के मशहूर आलोचक और लेखक सर लेस्ली स्टीफेन और जूलिया स्टीफेन के घर में वर्जिनिया का जन्म हुआ था। जब वर्जिनिया 13 साल की थी, तब अचानक उनकी मां की रूमेटिक फीवर से मृत्यु हो गई थी। उसके बाद 1904 में वर्जिनिया के पिता की पेट के कैंसर से मृत्यु हो गयी। अपनों की मृत्यु के अलावा वर्जिनिया यौन-प्रताड़ना से भी गुजरीं। 'अ स्केच ऑफ द पास्ट ' और '22 हाइड पार्क' में उन्होंने अपने सौतेले भाईयों, गेराल्ड डकवर्थ और जॉर्ज डकवर्थ द्वारा यौन प्रताड़ना करने की बात स्वीकारी है।

इस सभी घटना से के बाद से वर्जिनिया टेंसन में रहने लगी थीं। वर्जिनिया कई बार आत्महत्या करने की कोशिशें कर चुकी थीं। कुछ लोगों का मानना है कि वो बाइपोलर बीमारी से ग्रसित थीं। 1941 में वो इतनी डिप्रेस हो चुकी थीं कि उन्होंने अपने कपड़े की जेबें पत्थरों से भरीं और घर के पास स्थित ओसे नदी में डूबकर जान दे दी।

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