यूपी का गाजीपुर जिला अपनी शहादत के लिए ब्रिटीश काल से ही मशहूर रहा है। इसी गाजीपुर के धामूपुर गांव निवासी वीर अब्दुल हमीद का 1 जुलाई 1933 को एक दर्जी परिवार में पैदा हुए थे।

1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया था। 8 सितंबर की रात इंडियन आर्मी के जांबाज वीर अब्दुल हमीद ने पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरन सेक्टर में तैनात थे। उस रात पाकिस्तान अपने अजेय माने जाने वाले अमेरिकी पैटन टैंकों के भरोसे खेमकरन के असल उताड़ गांव पर आक्रमण कर दिया। इन अमेरिकी पैटन टैंकों का हमला इतना तेज था कि इंडियन आर्मी बिखर सी गई। लेकिन शहीद वीर अब्दुल हमीद के मोर्चे पर आते ही पाकिस्तानी सेना संकट में घिर गई।

उस वक्त इंडियन आर्मी के पास केवल थ्री नॉट थ्री राइफल, एलएमजी तथा मोर्टार गन के अलावा कुछ भी हथियार नहीं थे। लेकिन अमेरिकी पैटन टैंकों के आगे ये हथियार हाथी के सामने चींटी की तरह से थे। लेकिन वीर अब्दुल ने अपनी जीप लगे मोर्टार गन के सहारे उसी हाथी के मुंह में घुसकर उन्हें बर्बाद कर दिया।

जब पाकिस्तान के अमेरिकी पैटन टैंक आग बरसाने लगे तब वीर अब्दुल हमीद मोर्टार गन से लैस अपनी जीप को एक पहाड़ी के पीछे ले गए तथा सटीक निशाना साधते हुए एक—एक कर 9 अमेरिकी पैटन टैंकों नेस्तोनाबूत कर दिया।

अपने इन अजेय अमेरिकी पैटन टैंकों को खाक में मिलते हुए देख पाकिस्तानी सेना ऐसे डरकर भागने लगी, जैसे उन्होंने कोई भूत देख लिया हो। इसी बीच पाक आर्मी के सैनिकों ने वीर अब्दुल हमीद को देख लिया और टैंक एक गोला इंडियन आर्मी के इस जाबांज को बुरी तरह घायल कर गया। इस प्रकार 9 सितंबर 1965 को वीर अब्दुल हमीद शहीद हो गए।

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