दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लाल मिर्च पाउडर से हमला और सियासी प्रतिरोध
दोस्तों, आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उस वक्त लाल मिर्च पाउडर फेंका गया जब वह दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री चेंबर के बाहर खड़े थे। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर लाल मिर्च पाउडर फेंकने वाले आरोपी युवक अनिल कुमार को पकड़ लिया गया है। हांलाकि केजरीवाल की आंखों को निशाना बनाकर फेंके गए मिर्च पाउडर से उनकी आंखों को कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन चश्मा जरूर टूट गया।
पुलिस हिरासत में आरोपी अनिल कुमार ने जो बयान दिया है वह इस प्रकार है-केजरीवाल से इसलिए नफरत करता हूं क्योंकि पिछले 9 सालों से जनता को उल्लू बना रहा है। मैं एक सच्चा देशभक्त हूं और अरविंद केजरीवाल को मारना चाहता हूं। उसने धमकी दी है कि जेल से बाहर आकर वह उन्हें गोली मार देगा।
अरविंद केजरीवाल पर पहले भी हो चुके हैं कई हमले
गौर से देखा जाए तो इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल पर कई हमले हो चुके हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान साल 2015 में सुल्तानपुर माजरा विधानसभा क्षेत्र में एक अज्ञात शरारती व्यक्ति ने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर अंडे और पत्थर फेंके थे।
इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तर पश्चिम दिल्ली में आप की लोकसभा प्रत्याशी राखी बिड़लान के लिए प्रचार कर रहे अरविंद केजरीवाल पर एक आटो चालक ने हमला किया था।
आपको यह भी याद दिला दें कि जनवरी 2016 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक छात्रा ने केजरीवाल पर स्याही फेंकते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
फरवरी, 2016 में पंजाब के लुधियाना में अरविंद केजरीवाल की कार पर कुछ लोगों ने रॉड और डंडों से हमला किया था, लेकिन वह इस हमले में बाल-बाल बच गए थे। अप्रैल 2016 में दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान वेद प्रकाश शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने केजरीवाल पर जूता फेंका था। यह संयोग ही है कि इन हमलों से उन्हें कोई गंभीर क्षति नहीें पहुंची है। लेकिन इन हमलों को सियासी प्रतिरोधों से कत्तई दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल पर हुए हालिया मिर्ची पाउडर हमले को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमला मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर हुआ, जो एक उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और हमला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। सौरभ भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि कि हमले के पीछे भाजपा है और मोदी सरकार आरोपी की सहायता कर रही है। यहां तक कि केजरीवाल के करीबी अधिकारियों ने भी दिल्ली पुलिस पर उन्हें कम सुरक्षा देने का आरोप लगाया है। वहीं दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हमले की निंदा करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
अरविंद केजरीवाल पर भी लग चुके हैं यह गंभीर आरोप
अभी इसी महीने दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन समारोह में पहुंचे दिल्ली भाजपा इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने यह आरोप लगाया था कि आप विधायकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। इतना ही नहीं वहां उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसर्किमयों ने भी उनके साथ गलत व्यवहार किया।
इसके बाद मनोज तिवारी ने दिल्ली पुलिस में आप विधायक अमानतुल्ला खान तथा सीएम अरविंद केजरीवाल के विरूद्ध आईपीसी की 6 धाराओं 323 (मारपीट करना),506 (जान से मारने की धमकी देना), 308 (चोट पहुंचाना), 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र रचना), 341 (रास्ता रोकना), 34 (कॉमन इंन्टेशन) जैसी संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं।
दूसरी घटना पिछले साल की है जब 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को बुलाया गया था। उस दौरान वहां पहले से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 विधायक व वीके जैन मौजूद थे। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाया गया। बातचीत के थोड़ी ही देर बाद आप के विधायकों ने उनके साथ धक्का मुक्की तथा बदसलूकी शुरू कर दी थी। बता दें कि अंशु प्रकाश 1990 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम कैडर के आईएएस अफसर हैं।
यह तय है कि अरविंद केजरीवाल पर किए गए हमले निजी और सियासी प्रतिरोध के सूचक हैं। लेकिन यह भी कहना लाजिमी होगा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी कहीं ना कहीं राजनीतिक संघर्ष में उलझे हुए नजर आ रहे हैं। जाहिर है लोकसभा चुनाव 2019 में इन घटनाओं का असर जरूर पड़ने वाला है।