दोस्तों, आपको बता दें कि भारतीय सेना की एक शाखा राष्ट्रीय राइफल्स के जांबाज 28 सालों में 12 हजार आतंकवादियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राइफल्स के वीरों ने 6 अशोक चक्र, 34 कीर्ति चक्र, 221 शौर्य चक्र, 1508 सेना मेडल हासिल किए हैं।

रक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय राइफल्स में भारतीय सेना के अन्य भागों में तैनात सैनिकों की मौजूदगी रहती है। वर्तमान में इस बल को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है।

इस स्टोरी में हम आपको राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप गर्व महसूस करेंगे।

- सेना प्रमुख जनरल बी सी जोशी ने 1990 में राष्ट्रीय राइफल्स की स्थापना की थी।

- राष्ट्रीय राइफल्स का काम मुख्य रूप से देश में मौजूद उग्रवाद व आतंकवाद का खात्मा करना है।

- वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल्स के 80 हजार जवान घाटी में हो रहे आतंकी हमलों से देश की रक्षा कर रहे हैं।

- राष्ट्रीय राइफल्स का प्रतीक चिन्ह एक अशोक चक्र के साथ दो क्रॉस्ड एके-47 राइफल हैं। इसके अलावा इस विशेष सुरक्षा बल का आदर्श वाक्य दृढ़ता और वीरता है।

- राष्ट्रीय राइफल्स का सबसे मुख्य हथियार भी एके-47 राइफल है।

- राष्ट्रीय राइफल्स भारतीय सेना की ऐसी ऐसी इकलौती रेजिमेंट है, जिसमें सेना के अन्य आर्म्स एंड सर्विसेज के जवान एक ही बैनर तले अपनी भूमिका को अंजाम देते हैं।

- राष्ट्रीय राइफल्स में पैदल सेना के 60 फीसदी सैनिक होते हैं। राष्ट्रीय राइफल्स में कुल 65 बटालियन शामिल है।

- आतंवादी हमलों को नाकाम करने में राष्ट्रीय राइफल्स को महारथ हासिल है।

- राष्ट्रीय राइफल्स 2000 से अधिक सम्मान और पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है, जो इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि और योग्यता का सटीक प्रमाण है।

- राष्ट्रीय राइफल्स में गढ़वाल राइफल्स, राजपूताना राइफल्स, मराठा लाइट इन्फैंट्री, सिख रेजिमेंट, गोरखा रेजिमेंट तथा सिख लाइट इन्फैंट्री के अधिकारियों और जवानों की प्रतिनियुक्ति 2-3 साल की अवधि के लिए की जाती है।

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