दुनियाभर में मशहूर हैं पीएम मोदी के ये पांच योगासन
इंटरनेट डेस्क। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को विश्व पटल पर ला खड़ा किया है। मोदी के प्रयासों से ही हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाना सुनिश्चित हो सका। आपको बता दें कि पीएम मोदी प्रतिदिन योग करते हैं। क्या आपको पता है कि कौन-कौन से योगासन मोदी की दिनचर्या में शामिल हैं, जिसकी बदौलत वह दिनभर ऊर्जावान बने रहते हैं। चलिए आज हम आपको उन 5 योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका अभ्यास पीएम मोदी निश्चित रूप से करते हैं।
1- भुजंगासन
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है। भुजंगासन छाती और कमर की मांशपेशियों को लचीला बनाता है। भुंजगासन करने से गुर्दे और पेट से जुड़ी कोई भी बीमारी कभी हो ही नहीं सकती है। भुंजगासन के दौरान जमीन पर पेट के बल लेटकर मस्तक और पैर की अगुंलिया बिल्कुल सीधी रखें। पैर को एकदम सीधा रखते हुए पांव और एड़ियों को साथ रखें। दोनों हाथों, कंधों को नीचे रखते हुए कोहनियों को शरीर के बिल्कुल नजदीक और सीधा रखें। नाभि को ज़मीन पर रखते हुए लंबी सांस लें तथा मस्तक, पेट और फिर पेट को उपर उठाएं। शरीर को उपर की तरफ उठाते हुए दोनों हाथों का सहारा लेकर कमर को पीछे की ओर खीचें। ध्यान रहें लंबी सांस लेते हुए यह प्रक्रिया दोहराएं। हां, शरीर को बहुत ज्यादा मोड़ना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
2-सुखासन
सुखासन करते समय सिर और गर्दन को सीधा रखें। रीढ़ की हड्डी को 90 डिग्री करके बैंठे। अपने दोनों पैरों को तिरछा मोड़ते हुए दोनों हाथों को पैरों पर रखें। अगर पैर में किसी प्रकार की समस्या हो तो यह आसन ना करें। इस योगासन से तनाव कम होता है और मन एकाग्रचित बना रहता है।
3- वज्रासन
वज्रासन को खाने के बाद भी किया जा सकता है। इस योगासन से खाना जल्दी पच जाता है, तथा कब्ज, गैस आदि से छुटकारा मिलता है। जिसके घुटनों में दर्द की समस्या हो उसे बज्रासन नहीं करना चाहिए। दोनों घुटनों को सामने से मिलाएं तथा पैर की एड़ियां बाहर तथा पंजे को अंदर की तरफ रखें। अपने दोनों हाथों घुटनों पर रखें।
4- उस्तरासन
उस्तरासन करने से जांघों से फैट कम होता है। पेट और पीठ के हिस्से हमेशा स्वस्थ बने रहते हैं। इतना ही नहीं इस योगासन से गर्दन, पेट, बाहों तथा कंधे मजबूत बनते हैं।
5-पद्मासन
पद्मासन करने से दिमाग चुस्त-दुरूस्त बना रहता है। जमीन पर बैठकर बाएं पैर की एड़ी को दाएं जंघे ऐसे रखते हैं, जिससे एड़ी नाभि के पास जाए। इसके बाद दाएं पैर को बाएं जंघे पर रखे। ऐसा करने से दोनों एड़ियां नाभि के पास आपस में मिल जाएं। ऐसा करते समय कमर के उपरी भाग को बिल्कुल सीधा रखें। यह योगासन करते समय ध्यान रखें कि घुटने जमीन से उपर नहीं उठने चाहिए। इस दौरान नासाग्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिमाग को बिल्कुल शांत बनाए रखें।