पाकिस्तान में छुपे बैठे हैं भारत के यह पांच असली गुनहगार, देश में मचा चुके हैं तबाही!
पूरी दुनिया के साथ भारत भी आतंकवाद का दंश झेल रहा है। आतंकवाद के कुछ आकाओं ने भारत की प्रगति की रफ्तार में बाधा डालने में अपनी तरफ से कोई कोरकसर नहीं छोड़ी। इन जहरीले सांपों को जैसे ही लगा कि भारत के जांबाज प्रहरी अब इनका फन कुचलने वाले हैं, इन्होंने पाकिस्तान को अपनी शरणस्थली बना ली। हांलाकि भारत के गुनहगारों की लिस्ट बहुत लंबी है। लेकिन इस स्टोरी में हम उन 5 बड़े आतंकियों के नाम बताने जा रहे हैं, जिन्हें दबोचने के लिए भारत बेकरार है।
1- मसूद अजहर
मसूद अजहर ने अपने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पाकिस्तान में बना रखा है। पठानकोट, उड़ी और फिर पुलवामा जैसे बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड मसूद अजहर के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए भारतीय वायुसेना के 12 मिराज—2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान में बम बरसाए। जबकि अमेरिका और फ्रांस जैसे कई बड़े देशों ने इसे ब्लैक लिस्टेड करने के लिए यूएन में प्रस्ताव रखा है। मीडिया खबरों के अनुसार, यह आतंकी इन दिनों बीमारी का बहाना बनाकर रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में पाकिस्तानी सेना के साए में छुपा हुआ है। जम्मू कश्मीर में आतंकी लड़ाकों को भेजने और उन्हें ट्रेनिंग देने का जिम्मा मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जिम्मे है।
1994 से लेकर 1999 तक यह जम्मू कश्मीर की सेंट्रल जेल में कैद रहा। उसे कैद से रिहा कराने के लिए आतंकियों ने दिसम्बर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान 814 का हाईजैक किया था। आखिरकार तत्कालीन सरकार को विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा के बदले मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा। ये वही मसूद अजहर है, जो इंडिया के सिरदर्द बना हुआ है।
2- हाफिज मुहम्मद सईद
आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा का संस्थापक हाफिज सईद भारत के मोस्ट वॉटेंड अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई के 26/11 हमले का असली मास्टर माइंड हाफिज मुहम्मद सईद ही है। साल 2001 में संसद पर हुए हमले में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। 26/11 हमले के बाद से ही भारत, पाकिस्तान से उसे सौंपने को कह रहा है। दुनिया में आतंक फैलानों की सूची में हाफिज़ सईद का भी नाम है। मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है। यहां तक कि अमेरिका ने भी इस आतंकी को विशेष निगरानी सूची में डाल रखा है।
3- दाऊद इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम का पूरा नाम दाऊद इब्राहिम कासकर है। भारत को इस अपराधी की वर्षों से तलाश है। देश में हुई कई आतंकी घटनाओं में इसका हाथ रहा है। उसकी डी कंपनी भारत में जाली नोटों और नशीली दवाओं का रैकेट चलाती है। दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी ने पैसे लेकर देश में कई हत्याओं को भी अंजाम दिया है। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम और टाइगर मेनन ने मिलकर 12 मार्च 1993 को मुंबई विस्फोट की साजिश रची थी। इस घातक विस्फोट में 257 लोग मारे गए और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए। भारत में कैद होने के डर से पहले यह दुबई भाग गया। भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, दाऊद इब्राहिम आजकल पाकिस्तान से अपनी जुर्म की दुनिया चलाता है। खबरों के मुताबिक, वह 2 साल से नजर नहीं आया है, उसने अपनी प्लास्टिक सर्जरी करवा ली है।
4-जकीउर रहमान लखवी
जकीउर रहमान लखवी भी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सक्रिय सदस्य है। आतंकी जकीउर रहमान लखवी पर भी भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमांइड लखवी ही था। इस हमले में जिंदा पकड़े गए अजमल कसाब के मुताबिक, जकीउर रहमान लखवी की संरक्षण में ही सभी आतंकियों ने ट्रेनिंग लिया था। लखवी ने ही कसाब के परिवार को डेढ़ लाख रूपए भी दिए थे। सबसे बड़े दुश्मन जकीउर रहमान लखवी को भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां कई वर्षों से तलाश कर रही हैं।
5- सैयद सलाहुद्दीन
सैयद सलाहुद्दीन 1987 में कश्मीर विधानसभा चुनाव में अमिरा-कडाल विधानसभा सीट से उम्मीदवार था। बता दें कि 1990 से पहले सैयद सलाहुद्दीन कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। 5 नवंबर 1990 को वह यूसुफ शाह सैयद सलाहुद्दीन बन गया और सीमा पार करके मुजफ्फराबाद पहुंचा। इसके बाद उसने हिजबुल मुजाहिदीन नामक संगठन बनाकर जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी गतिविधियां संचालित करने लगा। पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी भी सैयद सलाहुद्दीन के संगठन यूनाइडेट जिहाद काउंसिल ने ली थी। बता दें कि यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का सरगना है सैयद सलाहुद्दीन। इस काउंसिल में जैश-ए-मोहम्मद जैसे कई आतंकी संगठन भी शामिल हैं।