आपको याद दिला दें कि रक्षा मंत्री रहते हुए मनोहर पर्रीकर ने अमेठी में गांव बरौलिया व हरिहरपुर को गोद लिया था। तब पूर्व रक्षा मंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर द्वारा अमेठी के लोगों को चप्पल भिजवाया गया था। बता दें कि यह मुद्दा सियासत में लगातार दूसरे दिन भी गर्म रहा। गांव बरौलिया व हरिहरपुर के ग्रामीणों ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और कांग्रेस अध्यक्ष व स्थानीय सांसद राहुल गांधी व उनकी बहन प्रियंका गांधी पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

हरिहरपुर में कामता सिंह, राजेश व दिनेश पाठक तथा बरौलिया में पूर्व प्रधान व भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में ग्रामीण सुबह ही हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर गलियों में निकले। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी विरोध में नारेबाजी करते हुए कहा कि आओ मिलकर कांग्रेस का बहिष्कार करें और अमेठी की उन्नति का सपना साकार करें।यहां के ग्रामीणों में अवध राज सिंह, मृदुला तिवारी, गया प्रसाद तिवारी, छोटू पांडेय आदि ने कहा कि राहुल गांधी यहां से पिछले 15 वर्षों से सांसद हैं। जबकि उन्होंने ग्रामीणों के लिए कुछ नहीं किया। यहां तक कि चुनाव जीतने के बाद भी हरिहरपुर गांव नहीं आए, जबकि स्मृति ईरानी के प्रयास से पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने गांव को गोद लेकर गांव में अनेक विकास कार्य कराए।

बरौलिया की जनता का कहना है कि पूर्व रक्षामंत्री स्व. पर्रिकर के प्रयासों से पांच करोड़ से अधिक की लागत से विकास कार्य हुआ है। जबकि हरिहरपुर ग्रीमाणों का कहना है कि गांव में जो विकास दिख रहा है, वो सब स्व. मनोहर पर्रीकर की देन है।
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर अमेठी के लोगों को चप्पल भिजवाकर उनका अपमान करने का आरोप लगाया था।
प्रियंका के बयान पर करारा प्रहार करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल और प्रियंका सबसे पहले यहां के लोगों की समस्याओं दूर करें।

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