सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना करते हुए मोदी सरकार ने मानसून सत्र में अध्यादेश पारित कर एससी-एसटी एक्ट को पुराने स्वरूप में बहाल कर दिया। इसके बाद देशभर के सवर्णों ने मोदी सरकार के इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए 6 सितंबर को भारत बंद का आह्वान करते हुए जमकर प्रदर्शन किया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद किया था। देशभर के कई राज्यों में हुई आगजनी और हिंसक प्रदर्शन के चलते करीब एक दर्जन लोगों की मौत हुई थी। इस स्टोरी में हम सुप्रीम कोर्ट के उन दो जजों के बारे में बताना चाहते हैं, जिन्होंने एससी-एसटी एक्ट को लेकर फैसला सुनाया था। दोस्तों, आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इन दोनों जजों का नाम जस्टिस उदय यू ललित तथा जस्टिस आदर्श कुमार गोयल है।

जस्टिस उदय यू ललित

- यूयू ललित देश के नामी वकील रह चुके हैं। वह देश के कई हाई प्रोफाइल मुकदमों की पैरवी कर चुके हैं।

- उदय यू ललित ने सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की पैरवी की थी।

- तुलसीराम प्रजापति के मुठभेड़ में भी अमित शाह का नाम सामने आने पर उन्होंने शाह का बचाव किया था।

- ब्लैक बक और चिंकारा में सलमान खान का राजस्थान हाई कोर्ट में बचाव किया था।

- तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के उम्र विवाद को लेकर चल रहे मुकदमे के वकील उदय यू ललित ही थे।

- कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी भ्रष्टाचार के एक मामले में बचाव कर चुके हैं।

- छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन पर जब देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था, उस वक्त यू ललित ने सेन की जमानत का विरोध किया था।

जस्टिस आदर्श कुमार गोयल
- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस रहे चुके हैं आदर्श कुमार गोयल।

- ओडिशा और गौहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं।

- 22 साल तक दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते रहे।

- जुलाई 2014 में इन्हें सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बना दिया गया।

Related News