सागर और महासागरों में हर वक्‍त कई सबमरीन मौजूद रहती हैं जो छिपकर दूसरे मुल्‍क की रणनीति का जायजा लेती रहती हैं। सबमरीन समुद्र में छिपी हुई वो ताकत होती है जो दुश्‍मन को हमेशा हैरान और बर्बाद करने का काम करती है। जिस तरह से समुद्र पर कोई एयरक्राफ्ट करियर राज करता है, ठीक वैसे ही समुद्र के अंदर सबमरीन का एक छत्र राज होता है। भारत के पास भी ये ताकत मौजूद है।

समुद्र में भारत की ताकत
सरकारी दस्‍तावेजों की मानें तो भारत के पास जुलाई 2022 तक 2 एयरक्राफ्ट करियर, 1 एंफीबियस ट्रांसपोर्ट डाक, 8 लैंडिंग शिप टैंक, 10 डिस्‍ट्रायर, 13 फ्रीगेट, 2 न्‍यूक्लियर पावर बैलेस्टिक मिसाइल सबमरीन, 15 कंवेंशनली पावर अटैक सबमरी, 19 कंवरटर, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, 10 लार्ज आफशार प्रट्रोल वैसल्‍स, फ्राइगेट और 5 फ्लीट टैंकर हैं। इसके अलावा कई छोटी पेट्रोल बोट और दूसरे आक्‍सीलरी वैसल्‍स भी भारतीय नेवी के पास हैं।

अरिहंत क्‍लास की सबमरीन
अरिहंत क्‍लास की सबमरीन की यदि बात की जाए तो ये एक बैलेस्टिक मिसाइल सबममरीन है। इसका सीधा सा अर्थ है कि इस सबमरीन से लंबी और मध्‍यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल को लान्‍च किया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये न्‍यूक्लियर पावर या यूं कहें कि परमाणु शक्ति से युक्‍त सबमरीन है।

भारत के पास मौजूद सबमरीन
भारतीय सेना के पास यदि केवल सबमरीन की ही बात करें तो इनकी संख्‍या करीब 16 है। इनमें अरिहंत क्‍लास की 1, कलवेरी क्‍लास की 4, सिंधुदुर्ग क्‍लास की 7 और शिशुमार क्‍लास की 4 सबमरीन हैं। ये सभी अटैक सबमरीन हैं।


INS Arihant
6 हजार टन वजनी INS Arihant एक एडवांस्‍ड टेक्‍नालाजी वैसल है। इसको विशाखापट्टनम में तैयार किया गया है। इसका उदघोष है Vanquisher of Enemies। 26 जुलाई 2009 को इसको लान्‍च किया गया था। अगस्‍त 2016 में ये भारतीय नेवी को सौंप दी गई। 364 फीट लंबी और करीब 49 फीट चौड़ी ये सबमरीन समुद्र की सतह पर 28 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है, जबकि समुद्र के नीचे ये करीब 44 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है। ये सबमरीन अधिकत 350 मीटर की गहराई तक जा सकती है। इसमें एक बार में करीब 100 कर्मचारी मौजूद रह सकते हैं, जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं। इसका सोना डीआरडीओ ने तैयार किया है। इसमें टारपीडो ट्यूब की संख्‍या करीब 6 है। इसके अलावा बैलेस्टिक मिसाइल के लिए अलग लान्‍चर है।

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