नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक अब कानून बन गया है। लेकिन उसके बाद से देशभर बबाल मच गया है और साथ ही जगह जगह में इसका विरोध किया जा रहा है, जारी अधिसूचना के मुताबिक यह कानून गजट प्रकाशन के साथ ही लागू हो गया है, नया कानून नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव करेगा।


मौजूदा कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल यहां रहना अनिवार्य था। इस नए कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए इसे घटाकर छह साल कर दिया है।

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कांग्रेस की ओर से काफी आपत्ति जताई जा रही है। राहुल गांधी व पार्टी के अन्य सीनियर नेता इसे संविधान के साथ छेड़छाड़ करार दे रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने जनता के हित के लिए उठाया गया कदम बताया है।

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