कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बाद मरीजों का बेहतर इलाज और मृत्युदर को कम करना सरकार की पहली प्राथमिकता हो चुकी है। देश में फिलहाल हर दिन कोरोना के 3 हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं। इस परिस्थिति में अब सरकार का एलान है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मुश्किल अब भारत के लोगों को कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा।

कोरोना की लेकर सामने आई सच्चाई, हर 1 दिन है बहुत ही मुश्किल

सरकार ने साफ कर दिया है कि लोगों को कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा। लेकिन लॉकडाउन के नियमों का सख्ती और इमानदारी से पालन करें तो देश में कोरोना को चरम पर पहुंचने से रोका भी जा सकता है।

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने की रफ्तार भले ही तेज हो, लेकिन अच्छी बात यह है कि हर तीसरा मरीज ठीक होकर घर भी जा रहा है। जहां कोरोना से स्वस्थ्य होने वाले मरीज 29.36 प्रतिशत है, वहीं इससे मरने वाले मरीज 3.2 प्रतिशत ही हैं।

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अगर हम लॉकडाउन के नियमों का सही तरीके से पालन करें तो देश में कोरोना महामारी को चरम बिंदु पर पहुंचने से रोका जा सकता है। अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों का आंकड़ा बताते हुए लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में कुल मरीजों में सिर्फ 1.1 फीसद मरीजों को ही वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ रही है।

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