दोस्तों, आपको बता दें कि थल सेना ही इंडियन आर्मी का सबसे बड़ा अंग है। आजादी से पहले ब्रिटीश आर्मी की टुकड़ियों के रूप में आजादी के बाद ताकतवर इंडियन आर्मी अपने अस्तित्व में आई। इंडियन आर्मी की रेजिमेंट्स दुनियाभर में मशहूर है। आज हम आपको भारतीय सेना के कुछ ऐसे रेजीमेंट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका नाम सुनकर ही दुश्मन भयभीत हो जाते हैं।

1- पैराशूट रेजीमेंट

29 अक्टूबर 1941 को पैराशूट रेजीमेंट की स्थापना हुई थी। 1999 में हुए कारगिल युद्ध के दौरान 10 में से 9 पैराशूट बटालियन की तैनाती ऑपरेशन विजय के लिए की गई थी। इस प्रकार पैराशूट बटालियन ने कारगिल युद्ध की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो दुनिया के खतरनाक कंमाडो में से एक माने जाते हैं।

2- गोरखा रेजीमेंट

जय महा काली, आयो गोरखाली की गूंज से ही दुश्मन का दिल दहल जाता है। गोरखा रेजीमेंट की शूरवीरता किसी परिचय की मोहताज नहीं है। टार्गेट को नष्ट करना ही इस रेजीमेंट का सबसे बड़ा लक्ष्य है।

3- राजपूत रेजीमेंट

ब्रिटीश आर्मी ने 1778 में बंगाल नेटिव इनफ़ेंट्री के जरिए हैदर अली से युद्ध में कुड्डालोर पर विजय पाई थी। इस बहादुरी के लिए विपरीत दिशाओं मे बने कटारों का राज चिन्ह प्रदान किया गया था। यह चिन्ह आज तक राजपूत रेजीमेंट का बैज है। राजा रामचंद्र की जय उद्घघोष के साथ राजपूत रेजीमेंट बड़े गर्व से देश की सेवा करती है।

4- ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट

ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट को सेना में सबसे शक्तिशाली रेजीमेंट माना जाता है। इस रेजीमेंट का एक ही ध्येय वाक्य होता है सर्वदा शक्तिशाली। यानि कि किसी भी परिस्थिति में दुश्मन के सामने खुद को मजबूत बनाए रखना।

5- मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट

1979 में मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी रेजीमेंट की स्थापना हुई। मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजिमेंट श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक और जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन विजय में भाग ले चुकी है। यहां तक कि कांगो, अंगोला, सोमालिया और सियरा लियोन में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भी मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री रेजीमेंट की सशक्त मौजूदगी रही है। लद्दाख और सिक्किम के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए इस रेजीमेंट को विशेष गौरव प्राप्त है।

6- पंजाब रेजीमेंट

बोल ज्वाला माता की जय और जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल का जयघोष सुनकर दुश्मनों के दिल दहल जाया करते हैं। लोगेंवाला की लड़ाई में पंजाब रेजीमेंट का जौहर पूरी दुनिया को पता है।

7- जाट रेजीमेंट

यह सेना की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा वीरता पुरस्कार विजेता रेजीमेंट है। आजादी के बाद इस आर्मी ब्रिगेड ने आठ महावीर चक्र, आठ कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना पदक जीते हैं।

8- मद्रास रेजीमेंट

1750 के दशक में अंग्रेजों ने मद्रास रेजीमेंट की स्थापना की थी। यह रेजीमेंट भारतीय सेना की सबसे पुराने रेजीमेंट में से एक है। इस रेजीमेंट में 23 बटालियन हैं।

9- सिख रेजीमेंट

भारतीय सेना का गौरव बढ़ाने में सिख रेजीमेंट का सबसे बड़ा योगदान है। इस रेजीमेंट ने 72 लड़ाई ऑनर्स, 15 रंगमंच ऑनर्स, 2 परमवीर चक्र, 14 महावीर चक्र, 5 कीर्ति चक्र, 67 वीर चक्र और 1596 अन्य वीरता पुरस्कार जीते हैं।

10- डोगरा रेजीमेंट

डोगरा रेजीमेंट की स्थापना अंग्रेजों ने सन 1877 में की थी। युद्ध में पाकिस्तान को कई बार हराने का श्रेय डोगरा रेजीमेंट को जाता है। भारतीय सेना के सबसे खतरनाक रेजीमेंट में डोगरा रेजीमेंट का नाम भी शामिल है।

11- कुमाऊं रेजीमेंट

कुमाउं रेजीमेंट की स्थापना ब्रिटीश काल में ही हुई थी। इस रेजीमेंट के नाम अब तक 2 परम वीर चक्र, 4 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र सहित कई अन्य पुरस्कार हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध मैदान सियाचिन ग्लेशियर में अधिकतर कुमाऊं रेजीमेंट की ही तैनाती की जाती है।

12- असम रेजीमेंट

15 जून 1941 को असम रेजीमेंट की स्थापना की गई थी। असम रेजीमेंट में विशेष तौर पर नॉर्थ-ईस्ट से सैनिकों की भर्ती होती है।

13- बिहार रेजीमेंट

बर्मा युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध तथा आजादी के बाद हुए भारत-पाक युद्धों में बिहार रेजीमेंट ने हिस्सा लिया है। बिहार रेजीमेंट ने कारगिल युद्ध में अपनी शूरवीरता से दुश्मन के दांत खट्टे किए। मुंबई हमलों के दौरान बिहार रेजीमेंट के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने शहादत दी थी।

14- महार रेजीमेंट

1 परमवीर चक्र, 4 महावीर चक्र समेत तमाम पुरस्कार महार रेजीमेंट ने अपने नाम किए हैं। महार रेजीमेंट में देश के सभी राज्यों से सैनिकों की भर्ती की जाती है।

15 - नगा रेजीमेंट


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नगा रेजीमेंट इंडियन आर्मी की सबसे नई रेजीमेंट है। इस रेजीमेंट की स्थापना 1970 में हुई। स्थापना के दौरान ही बांग्लादेश युद्ध के दौरान इस रेजीमेंट ने अहम भूमिका निभाई थी। कारगिल युद्ध के समय द्रास सेक्टर की कमान नगा रेजीमेंट ने ही संभाली थी।

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