दोस्तों, हम सभी सीआरपीएफ यानि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बहादुरी और ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं, क्योंकि इस पुलिस बल के जांबाजों की ड्यूटी अधिकांशत: नक्सल एवं आतंकवाद प्रभावित राज्यों में ही लगाई जाती है।

सीआपीएफ के जवान जान की बाजी लगाकर नक्सलियों और आतंकियों का सफाया करने में कोई गुरेज नहीं करते हैं। जी हां, इसी क्रम में आज हम आपको सीआरपीएफ की असिस्टेंट कमांडेंट ऊषा किरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका नाम सुनकर बड़े-बड़े नक्सली डर जाते हैं।

- गुड़गांव की रहने वाली हैं असिस्टेंट कमांडेंट ऊषा किरण देश की पहली सीआरपीएफ महिला अफसर हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाके में तैनात किया गया है।

- उषा किरण सीआरपीएफ की 80वीं बटालियन में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर तैनात हैं। 25 वर्ष की उम्र में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वॉइन की थी।

- उषा किरण भी खुद चाहती थी कि उनकी तैनाती किसी खूंखार नक्सली इलाके में ही हो। वह खुद बस्तर आना चाहती थी।

- हर नक्सली अभियान में उषा किरण अपनी टीम की अगुवाई खुद करती हैं।

- उषा किरण का एक ही मिशन है, बस्तर के खूंखार नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया।

- असिस्टेंट कमांडेंट उषा किरण के पिता सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर हैं। जबकि उनके दादा भी सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

-ऊषा ट्रिपल जंप में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं।

- बस्तर इलाके में उनकी खौफ का आलम यह है कि बड़े-बड़े नक्सली केवल उनका नाम सुनकर ही डर जाते हैं।

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