चीन के रंग-बदलते स्वरूप को देखकर, भारत ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। पश्चिमी लद्दाख सीमा पर बड़े पैमाने पर सैन्य तैनाती के बाद भूटान सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। भारत-भूटान सीमा पर 12,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर एक नई 22 सीमा चौकी स्थापित की गई है। भारत और चीन के बीच 2017 में सबसे बड़ा संघर्ष भूटान के डोकलाम क्षेत्र को लेकर हुआ था।


चौकी को सशस्त्र सीमा बल (एएसबी) के आंदोलन के लिए डिज़ाइन किया गया है। SSB के लिए भारत-भूटान सीमा पर कुल 734 चौकी स्थापित की जानी थी, जिनमें से 722 को पहले ही स्थापित किया जा चुका है। अब केवल 22 बचे हैं। इस नए 22 पोस्ट को बहुत ही कम समय में बनाया गया है। इससे भारत-चीन-भूटान सीमा पर अधिक सतर्कता बरती जा सकेगी। एसएसबी भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय का हिस्सा नहीं है बल्कि गृह मंत्रालय का हिस्सा है। सेना का काम नेपाल-भूटान सीमा पर गश्त करना है। हम एक सेकंड के लिए सीमा से दूर नहीं देखना चाहते हैं ताकि ऐसा दोबारा न हो।

पाकिस्तान एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान ने आज कहा कि अगर पाकिस्तान-चीन एक साथ काम नहीं करते तो भारत नहीं पहुंचता। पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से वायु सेना अभ्यास किया। अनवर खान ने अभ्यास के अंत में यह बात कही। उस समय पाकिस्तान में चीनी राजदूत भी मौजूद थे। चीन-पाकिस्तान भारत पर दबाव बनाने के लिए कई वर्षों से ऐसे संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। पाकिस्तान को चीन से बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता और धन भी मिलता है।

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