श्रीलंका अपने इस समय बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। कोविड-19 से पहले शुरू हुए वित्तीय घाटे कोविड-19 के चलते और बढ़ गए और इकनोमिक तरह से श्रीलंका पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर खड़ा हो गया जिसके बाद यह मामला एक राजनीतिक मामला बन गया। जिसका नतीजा यह है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति देश छोड़कर जा चुके हैं और इस समय अधिकारिक रूप से श्रीलंका सेना के हाथों में है । क्योंकि वहां पर इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है।

श्रीलंका भारत का पड़ोसी देश है ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर खड़ा हो रहा है कि क्या भारत में भी श्रीलंका जैसी मुसीबत में आ सकती है। इसी को लेकर आज हम आपसे कुछ जानकारी साझा करेंगे जिसके बाद आप इस सवाल के नतीजे पर जरूर पहुंच जाएंगे।

भारत में भी श्रीलंका जैसे बहुत घाटे राज्य की सरकारों को देखने मिल रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी यह कहा जा सकता है कि भारत में श्रीलंका जैसा संकट आने की गुंजाइश कम नजर आती है। दरअसल श्रीलंका की पूरी इकोनामी टूरिज्म पर आधारित है और कोविड-19 के चलते टूरिज्म इंडस्ट्री पर एक बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा था जिसके चलते वहां पर इतने बुरे हालात हो गए। वहीं दूसरी और बात करें तो भारत में भी अच्छा टूरिज्म है लेकिन पिछले कुछ दशकों में भारत ने मैन्युफैक्चरिंग पर अच्छा काम किया है जिसके चलते हमारी डिपेंडेंसी सिर्फ एक सेक्टर पर नहीं है।

इसके अलावा भारत श्रीलंका के मुकाबले काफी बड़ा देश है जिसका भी फायदा हमें मिलता है। दरअसल श्रीलंका बहुत बड़ा देश हो नहीं है और भारत एक बहुत बड़ा देश है जिसके कारण विविधता होने के चलते और एक राज्य का दूसरे राज्य को पूरे देश की इकोनॉमी के मापदंड पर सफलता और सहयोग मिलने पर हम श्रीलंका जितनी मुसीबतों में नहीं फंसने वाले हैं।

इन सभी बातों का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि भारत की हालत इस समय बहुत अच्छी है। आपको बता दें कि भारत की हालत इस समय बेहद नाजुक बनी हुई है और ऐसे समय पर भी लगातार कई राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में लोगों को सुविधाएं दी जा रही है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि सरकार अब अपने विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार पर नियंत्रण रखें ताकि सरकार के पास अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पैसा हो।

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