जम्मू-कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। लेकिन आज की तारीख में कश्मीर अब कश्मीर नहीं रहा। सच में देखा जाए तो कश्मीर में आज तीन देशों की दखलंदाजी जारी है। भारत विभाजन के बाद कश्मीर भी कई टुकड़ों में बंट चुका है।

दोस्तों, आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पर भारत, गुलाम कश्मीर जिस पर पाकिस्तान का कब्जा है। कश्मीर के एक हिस्से पर चीन का भी कब्जा है जिसे अक्साई चिन कहा जाता है। अगर हम अक्साई चीन की बात नहीं करें, तब भी जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कई युद्ध लड़े जा चुके हैं। हांलाकि इस बात का फैसला अभी तक नहीं हो पाया है कि कश्मीर आखिर किसका है ?

1962 के चीन युद्ध में भारत कश्मीर का एक हिस्सा हार गया था, जिस पर अभी भी चीन का अधिकार है। इसे अक्साई चीन कहा जाता है। वहीं आजादी के बाद हुए युद्ध में कश्मीर के दो टुकड़े हो गए। जम्मू-कश्मीर पर भारत तथा कश्मीर के पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सटे हुए इलाके पर पाकिस्तान का अधिकार है। यह इलाका पाक अधिकृत कश्मीर के नाम से मशहूर है।

भारत ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीओके के लिए 25 सीटें और संसद में 7 सीटें रिजर्व कर रखी हैं। दरअसल पाकिस्तान इस इलाके को कभी पाक अधिकृत कश्मीर कहता है तो आजाद कश्मीर कहता है। पाकिस्तान की सरकार पीओके के प्रशासन और राजनीति में दखलकर उसके सामाजिक ताने बाने को अपने अनुकूल करने में लगी हुई है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को एक अलग देश बनाने के लिए पाकिस्तान ने वहां एक अलग से प्रधानमंत्री भी नियुक्त कर रखा है। पीओके का यह प्रधानमंत्री सीधे इस्लामाबाद की हुक्म मानता है। इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानी अवाम को भी लाकर यहां बसाया गया है, ताकि इसे पाकिस्तानी सरजमी माना जाए।

हकीकत यह है कि कई टुकड़ों में बंटा कश्मीर अमन और शांति के लिए काफी अरसे से तरस रहा है। इसके एक हिस्से पर भारत तो दूसरे हिस्से पर कश्मीर की दखलंदाजी है। जबकि अक्साई चीन तो मशहूर ही है। बावजूद इसके कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा अभी भी भारत के पास ही है।

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