इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के इतिहास से एक बार फिर छेड़छाड़ हुई की गई। अब वो किया जिसको लेकर पिछले साल फिल्म 'पद्मावत' पर विवाद हुआ था और फिल्म राजस्थान में रिलीज़ नहीं की गई।

वहीं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किताबों में चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मिनी से जुड़े इतिहास में बदलाव किया है।

बोर्ड ने कक्षा 12 की इतिहास की किताब से उस किस्से को हटा दिया गया है जिसमें कहा गया था कि अलाउद्दीन खिलजी ने पद्मिनी को शीशे में देखा था।

आपको जानकारी में बता दें कि पद्मिनी से जुड़ा यह किस्सा 'मुगल आक्रमण: प्रकार और प्रभाव' के सेक्शन पद्मिनी की कहानी में था।

हालांकि अब इसे बोर्ड ने हटा दिया गया है। अब नई किताबों में पद्मिनी के इतिहास में बदलाव कर दिया गया है।

बता दें, साल 2017 में आई फिल्म 'पद्मावत' में इस सीन को लेकर भी विवाद हुआ था। इस फिल्म पर इतना विवाद हुआ की फिल्म राजस्थान समेत कई राज्यों में रिलीज़ ही नहीं हुई।

दरअसल साल 2017 की इतिहास के किताब में लिखा गया था, '8 वर्ष तक घेरा डालने के बाद सुल्तान जब चित्तौड़ को नहीं जीत पाया तो उसने एक प्रस्ताव रखा कि यदि उसे पद्मिनी का प्रतिबिंब ही दिखा दिया जाए तो वह दिल्ली वापस चले जायेगा।'

इतिहास में आगे लिखा गया था, 'राणा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

दर्पण में पद्मिनी का प्रतिबिंब देखकर जब अलाउद्दीन वापस लौट रहा था, उस समय उसने रतन सिंह को कैद कर लिया और रिहाई के बदले में पद्मिनी की मांग कर डाली थी।'

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