पाकिस्तान में पहली बार मंत्रालयों को भेजा गया 'रेड लेटर', जानिए क्या है इस लेटर का मतलब
पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सख्त फैसले लेने के लिए जानी जाती है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इतिहास रच दिया। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुस्किले ख़त्म नहीं हुई है, क्योकि प्रधानमंत्री इमरान खान अपने मंत्रियों से जवाब देही की मांग शुरू कर दी है, क्योंकि उनके कार्यालय ने 27 मंत्रालयों को रिपोर्ट सौंपने में नाकाम रहने पर 'रेड लेटर' जारी किया था।
रेड लेटर का अर्थ मंत्रियों की कार्य प्रणाली के प्रति इमरान की नाराजगी दिखाना भी है। कायार्लय ने अब मंत्रालयों में हर स्तर पर रिक्तियों और पोस्टिंग जैसे मुद्दों पर जानकारी देने के लिए 9 सितंबर की समय सीमा दी है। पत्र में उन अधिकारियों के संबंध में जानकारी देने के लिए कहा गया है जो पदोन्नति के योग्य हैं, लेकिन उनकी पदोन्नति नहीं की गई है।
इसमें उन सरकारी अधिकारियों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है, जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच तीन महीने से लंबित है। इसके अलावा, इमरान ने कारों, मशीनरी और अन्य वस्तुओं के बारे में भी पूछा है जिनका इस्तेमाल मंत्रालयों द्वारा नहीं किया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि रेड लेटर संबंधित मंत्रालय और उसके प्रभागों की प्रदर्शन रिपोर्ट में एक अहम फैक्टर होगा।