...जब फूट-फूटकर रोईं थी प्रियंका गांधी, जानिए ऐसा क्या हुआ था?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल मई महीने में प्रकाशित होने वाली किताब राजीव गांधी असैसिन: हिडेन ट्रुथ्स को एगलेवियन ने लिखा है। यह किताब राजीव गांधी की हत्या में शामिल नलिनी से बातचीत के आधार पर लिखी गई। इतना नहीं नलिनी को जेल में सजा काटते हुए 24 साल बीते चुके हैं। नलिनी देश में सबसे लंबी सजा काटने वाली महिला हैं। लेखक एगलेवियन की इस किताब में नलिनी के साथ जेल में हुए टॉर्चर और प्रियंका से हुई अचानक मुलाकात का भी जिक्र किया गया है।
बता दें कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 10 बजकर 21 मिनट पर एक बड़ा धमाका हुआ था, जिसमें देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सहित 15 लोगों की मौत हो गई थी। आप तस्वीर में नीली साड़ी में एक महिला और एक स्कूली बच्ची को देख सकते हैं। राजीव का हाथ बच्ची के कंधे पर है। इसके ठीक पीछे बालों में संतरी रंग के फूल लगाए खड़ी महिला राजीव गांधी की कातिल थी। जी हां, राजीव गांधी की कातिल धनु उनके पांव छून के बहाने झुकी और आरडीएक्स से लदी बेल्ट का डेटोनेटर दबा दिया, इसके धमाका हुआ फिर राजीव सहित 15 की मौत।
तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल 5 लोगों में केवल नलिनी श्रीहरन ही जिंदा है और सजा काट रही है। इस महिला को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन सोनिया गांधी की अपील पर नलिनी की मिली मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी गई। बाद में नलिनी ने कहा था कि राजीव गांधी के असली गुनहगारों का अब तक कुछ भी नहीं बिगड़ा। नलिनी के मुताबिक, एक बार प्रियंका गांधी ने उससे मुलाकात की थी। प्रियंका ने नलिनी से पूछा- मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे! तुमने ऐसा क्यों किया? वह दो मिनट तक चुपचाप मेरी तरफ देखती रही।
जब नलिनी ने हिम्मत करके उनकी तरफ देखा तो प्रियंका गांधी ने फिर पूछा- तुमने ऐसा क्यों किया? मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे. तुम्हें जो भी चाहिए था, बात करके सुलझा सकती थीं। ऐसा कहकर प्रियंका गांधी फूट-फूट कर रोने लगीं। नलिनी ने कहा-मैडम मुझे कुछ नहीं पता, मैं तो एक चींटी को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकती। मुझे मेंटली और फिजिकली इतना टॉर्चर किया गया कि मैंने सरेंडर कर दिया और जो कनफेशन वो चाहते थे, मैंने उस पर साइन कर दिए।