दोस्तो हाल ही में हमने देखा की देश के कई राज्यों में पेपर लीक के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी की हैं, जो एक परेशानी का सबब हैं, इन समस्याओं को बढ़ते देख उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पेपर लीक मामलों के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। इन घटनाओं की गंभीरता और आवृत्ति को देखते हुए, राज्य सरकार इस समस्या को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है। जिसमें शामिल लोगों के लिए गंभीर परिणाम भुगतने का वादा किया गया है।

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सरकार ने नए कानून के लिए एक व्यापक खाका तैयार किया है, जिसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा। इस कानून का उद्देश्य परीक्षाओं के लिए पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। अंतिम लक्ष्य पेपर लीक को खत्म करना है, जिसने राज्य को वर्षों से परेशान किया है।

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पिछले सात वर्षों में, उत्तर प्रदेश में आरओ/एआरओ, यूपीएसएसएससी, पीईटी और यूपीटीईटी परीक्षाओं सहित आठ प्रमुख भर्ती परीक्षाओं में लीक की घटनाएं हुई हैं। इन बार-बार उल्लंघनों ने योगी आदित्यनाथ प्रशासन को जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाने के लिए प्रेरित किया है। आगामी पेपर लीक कानून ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए कठोर दंड का प्रावधान करेगा।

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नए कानून के मुख्य प्रावधान

भारी जुर्माना और आजीवन कारावास: परीक्षा के पेपर लीक करने के दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को ₹1 करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास हो सकता है।

गैंगस्टर अधिनियम के तहत संपत्ति जब्त करना: यदि अभियुक्तों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत आरोप लगाए जाते हैं, तो उनकी संपत्ति को ध्वस्त किया जा सकता है।

त्वरित न्याय के लिए अलग-अलग मुकदमे: न्याय में तेजी लाने के लिए, प्रत्येक अभियुक्त को अदालत में अलग-अलग मुकदमे से गुजरना होगा।

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