इंटरनेट डेस्क। भारतीय मूल की अमेरिकी थिंक टैंक अपर्णा पांडे ने लिखा था कि प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब यात्रा से पाकिस्तान के ​सिर में दर्द हो गया था और वह चितिंत हो उठा था। पाकिस्तान सऊदी अरब को अपना सबसे अहम आर्थिक भागीदार मानता रहा है। दूसरी तरफ सऊदी अरब भी पिछले कई सालों में पाकिस्तान को अरबों डालर की मदद दे चुका है। यहां तक कि इस देश ने ना जाने कितने पाकिस्तानी लोगों को रोजगार दे रखा है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब सरकार ने जिस तरह से स्वागत किया था, उससे पाकिस्तानी सरकार डर गई थी।

यहां तक कि सऊदी अरब यात्रा के दौरान सुल्‍तान शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वाच्च नागरिक पुरस्कार द किंग अब्दुल अजीज ऑर्डर से भी सम्मानित किया था। यह पुरस्कार आज तक किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को नहीं मिल पाया है।

पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश भारत को दुश्मन के रूप में देखता है, ऐसे में मोदी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान पीएम मोदी को मिला यह सम्मान भारत की बड़ी जीत है। साल 2014-15 के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच कुल 39. 4 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार पर समझौता हुआ था जबकि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच यह कारोबार मात्र 6. 1 अरब डॉलर का है।

गौरतलब है कि सऊदी अरब शुरू से ही भारत के लिए तेल आयात का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन और जापान के बाद भारत सबसे ज्यादा तेल आयात सऊदी अरब से ही करता है। ऐसे में सऊदी अरब और भारत के बीच प्रगाढ़ हुए इस रिश्ते को पाकिस्तान एक खतरे के रूप में महसूस कर सकता है।

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