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दोस्तों, आपको याद दिला दें कि 7 जुलाई 2018 को राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर के अमरूदों का बाग मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हुई थी। इस रैली में जुटी भीड़ देखकर विपक्षी दलों की बोलती बंद हो गई थी। लेकिन क्या आपको पता है कि इस जनसैलाब को जुटाने के लिए सरकारी महकमे और सरकारी पैसों की कितनी बर्बादी हुई थी।

जी हां, दोस्तों, इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए हर कलेक्टर को करीब 10,000 लोगों को लाने के लिए कहा गया था। यहां तक कि सरकारी पैसे से ही बसों का इंतजाम करने को कहा गया था।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, करीब 33 जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया था कि उन्हें अपने जिले से कम से कम 9300 लोगों को लेकर इस रैली में आना है। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों ने दस दिनों तक जमकर तैयारियां की थी। फ्री में आना-जाना, फ्री में खाना और जयपुर घूमने को मिलेगा ऐसा कहकर भीड़ एकत्र करने की कोशिश की गई थी।

आयोजन स्थल अमरूदों का बाग में रैली के लिए जो बड़ा टेंट लगा था, और करीब 5,579 बसों को किराए पर लिया गया है। इसके लिए 7.22 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया था। इसके अलावा हर बस पर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी।

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