प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अप्रैल को एक वीडियो मेसेज के जरिए देश को संबोधित किया था और कहा था कि रात 9 बजे सभी को 9 मिनट के लिए लाइट बंद करनी है और दिए, मोमबत्ती, फोन की टॉर्च आदि जलानी है। लेकिन इस से एक अलग खतरा पैदा हो सकता है। दरअसल इस से पावर ग्रिड फेल हो सकता है।

पावर ग्रिड पर फेल होने और ब्लैकआउट का खतरा मंडराने लगा है। इस पर निगरानी रखने और इंतजाम करने के लिए 24 घंटे का ही समय है। पावर ग्रिड की सुरक्षा से जुड़े कदमों पर विचार के लिए पूरे देश के बिजली से जुड़े पेशेवरों को पूरी निगरानी रखने के लिए कहा गया है।

अगर 9 मिनट तक लाइट बंद कर दी जाए तो बिजली की मांग 15000 मेगावाट कम हो जाएगी। ऐसे में केलिब्रेशन प्रबंधन रखना बहुत जरूरी है क्योकिं इस से फ्रीक्वेंसी पर असर पड़ता है।

उत्तर प्रदेश के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन को पत्र लिखकर इस समस्या से निपटने के लिए कई सुझाव दिए हैं जिसे इम्प्लीमेंट करने के लिए 24 घंटे का समय है। इस से हाइवोल्ट की समस्या भी हो सकती है।

इस दौरान एहतियात के तौर पर बिजली उत्पादन केंद्रों को भी उत्पादन में कमी करनी चाहिए।

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