मानसून सत्र को सफल बनाने के लिए पीएम मोदी ने बदली जीएसटी की परिभाषा
इंटरनेट डेस्क। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के आगाज से पहले मीडिया से रूबरू होते हुए सबसे पहले देश के किसानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि जो किसान कठोर परिश्रम करते हुए देशवासियों के लिए अनाज पैदा करते हैं, उन्हें हम नमन करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मानसून सत्र पर देश की जनता का विशेष ध्यान रहेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी के साथ यह मानसून नई उमंगों से परिपूर्ण रहेगा।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में संसद सत्र हमेशा से विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ता रहता है। ऐसे में इस मानसून सत्र को सफल बनाने के लिए उन्होंने जीएसटी की परिभाषा बदलते हुए विपक्षी एकता की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी का मतलब है गोईंग स्ट्रांग टूगेदर। यानि एक साथ काम करने का दूसरा नाम है जीएसटी।
उन्होंने कि इस बार अगस्त में भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे हो जाएंगे वहीं 15 अगस्त 2018 को भारतवासी 70 साल की यात्रा का जश्न मनाएंगे। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब देश की सभी सरकारें और राजनीति दल मिलकर देशहित में कोई फैसला लेते हैं तो वह फैसला सबसे महत्वूपर्ण साबित होता है। इस बात को जीएसटी ने साबित कर दिया है।
गौरतलब है कि मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी, जीएसटी, राफेल विमान सौदा, किसानों से जुड़ी समस्याओं पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इतना ही नहीं उम्मीद है कि इस मानसून सत्र में विपक्ष एनडीए सरकार को कश्मीर में तनाव, सिक्किम सेक्टर में चीनी गतिरोध, राज्यव्यापी किसान आंदोलन पर घेरने की कोशिश करेगी।