कबाड़ से बनी है पटेल की ऐतिहासिक मूर्ति! इतना टन लगा लोहा और तांबा ?
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दुनिया की सबसे बड़ी ऐतिहासिक मूर्ति 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' बनकर तैयार है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की ऐतिहासिक मूर्ति अनावरण करने जा रहे है। मूर्ति अनावरण होते ही यह दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति कह लाने लगेगी। आपको जानकारी में बता दें, यह प्रतिमा अमेरिका की 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से दोगुनी ऊँची है। लेकिन आज हम आपको बताते है, पटेल की ऐतिहासिक मूर्ति को कैसे तैयार किया गया।
* इस लौह पुरुष की मूर्ति के निर्माण में देश के कोने-कोने से लाखों टन लोहा और तांबा मंगाया गया। इसके लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया जिसका नाम "सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट" है।
* कहा जाता है कि 3 महीने लंबे इस अभियान में लगभग 6 लाख ग्रामीणों ने मूर्ति स्थापना हेतु लोहा दान किया। इस अभियान में करीब 5,000 मीट्रिक टन लोहे का संग्रह किया गया। लेकिन जानकारी में बता दें, उस लौहे का इस्तेमाल प्रतिमा में उपयोग नहीं हो सका और इसे परियोजना से जुड़े अन्य निर्माणों में प्रयोग किया गया।
* जानकारी में बता दें, यह कॉम्पोजिट प्रकार का स्ट्रक्चर है और सरदार पटेल की मूर्ति के ऊपर ब्रॉन्ज की क्लियरिंग है। यानी मूर्ति की स्किन ब्रॉन्ज की है। इस प्रोजेक्ट में एक लाख 70 हजार क्यूबिक मीटर कॉन्क्रीट लगा है। इसके अलावा 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18500 मीट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स भी इस्तेमाल किया गया है। यह मूर्ति 22500 मीट्रिक टन सीमेंट से बनकर तैयार की गई है। इस मूर्ति से आप सरदार बांध का सुंदर नजारा देख सकेंगे।