ऐसा कई बार कहा जाता है कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष याहया ख़ान की अय्याशी की वजह से पाकिस्तान 1971 का युद्ध हार गया था। याहया ख़ान फ़ारसी बोलने वाले पठान थे, तथा वह अच्छी पंजाबी भी बोल लेते थे। उनमे कई अच्छाइयां थी लेकिन बहुत सी बुराइयाँ भी थी।

पाकिस्तान एट द हेल्म नाम किताब के लेखक तिलक देवेशर के मुताबिक याहया खान काफी अधिक शराब पीने के आदि थे। शराब पीने के बाद मनुष्य में कई तरह की बुराइयां आ जाती है और वो सारी बुराइयां उनमे थी। उनका लेवल एक डिवीजनल कमांडर का था, लेकिन वह पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष बन बैठे।

अयूब खान ने जनरल मूसा के सेवानिवृत्त होने के बाद तीन जनरलों को सुपरसीड कर याहया ख़ान को सेनाध्यक्ष बनाया था। हालाकिं उनकी खामियों को देखते हुए उन्हें जनरल ना बनाने की मांग की जा रही थी लेकिन अयूब खान ने कहा था कि जब वे काम करेंगे तो अपने आपको संभाल लेंगे।

रात 10 बजे के बाद उनके किसी भी मौखिक आदेश का पालन नहीं किया जाए। क्योकिं वे 8 बजे शराब पीना शुरू करते थे और रात 10 बजे तक शराब पीते रहते थे।

किताब पाकिस्तान्स ड्रिफ़्ट इन टू एक्सट्रीमिज़्म के लेखक हसन अब्बास ने लिखा कि1971 में भारत के हाथों हारने से पहले याहया खान ने पेशावर में अपने नए घर पर एक हाउस वार्मिंग पार्टी दी थी। उनकी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों में एक बंगाली महिला श्रीमती शमीम भी थीं, जिन्हें ब्लैक पर्ल के नाम से जाना जाता था।

इस पार्टी में एक समय ऐसा भी आया जब सभी लोग बिना कपड़ों के थे,। इस पार्टी में ब्लैक पर्ल ने कहा कि वह घर जाना चाहती हैं। तब याहया ने जोर देकर ​कहा कि वह उसी हालत में उन्हें खुद ड्राइव करके उनके घर तक छोड़ने जाएंगे।

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